Anantnag Encounter: 144 घंटे से मुठभेड़ जारी, अनंतनाग के जंगल में बिछाया बूबी ट्रैप! धीरे-धीरे बढ़ रहे जवान
Anantnag Encounter सुरक्षाबल को निशाना बनाने के लिए आतंकी ऐसा जाल बुनते हैं। वह सुरक्षाबल के मार्ग में बारूदी सुरंग बिछा देते हैं या फिर आइईडी लगा देते हैं। कई बार ग्रेनेड की पिन निकालकर वजनदार वस्तु रख दी जाती है। या फिर मारे गए आतंकी के शव के साथ विस्फोटक बांध दिया जाता है। जैसे ही सुरक्षाबल वहां पहुंचते हैं वहां धमाका हो जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 19 Sep 2023 06:45 AM (IST)
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अनंतनाग के जंगल में पिछले 144 घंटे से मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में पूरा जंगल छान रहे हैं। आशंका है कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जंगल में आतंकियों ने बूबी ट्रैप लगाया हो। इसे देखते हुए सुरक्षाबल धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। इस बीच, सुरक्षाबलों ने जंगल से एक और आतंकी का जला हुआ शव बरामद किया। रविवार को भी एक आतंकी का शव मिला था। शव जला होने के चलते पहचान के लिए डीएनए जांच की जाएगी। इसके साथ ही मारे गए आतंकियों की संख्या दो हो गई है।
आशंका है कि एक से दो और आतंकी जंगल में छिपे हो सकते हैं। इस मुठभेड़ में अब तक कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष, डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं व एक सुरक्षाकर्मी बलिदान हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि बलिदानी सुरक्षाकर्मी का नाम प्रदीप है और वह कर्नल मनप्रीत सिंह के एस्कार्ट दस्ते का सदस्य था।
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अनंतनाग के कोकरनाग के गडोल के जंगल में मुठभेड़ मंगलवार रात करीब एक बजे शुरू हुई थी। इस अभियान में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे और दो से तीन लापता बताए जा रहे थे। उसके बाद से ही आतंकियों को मार गिराने का अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों द्वारा बूबी ट्रैप लगाए जाने की आशंका को देखते हुए विस्फोटकों का पता लगाने में माहिर खोजी श्वान अलावा अत्याधुनिक सेंसरों के सहारे जवान धीरे-धीरे आतंकियों के ठिकाने का घेरा तंग कर रहे हैं।
मुठभेड़स्थल के आसपास के क्षेत्र की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह कुछ देर तक आतंकियों की तरफ से गोलीबारी हुई। पूर्वाह्न 11 बजे के करीब आतंकियों की तरफ से गोलीबारी पूरी तरह बंद हो गई और सूर्यास्त के बाद करीब सात बजे आतंकियों की तरफ से फिर फायरिंग हुई।
क्या होता है बूबी ट्रैप सुरक्षाबल को निशाना बनाने के लिए आतंकी ऐसा जाल बुनते हैं। वह सुरक्षाबल के मार्ग में बारूदी सुरंग बिछा देते हैं या फिर आइईडी लगा देते हैं। कई बार ग्रेनेड की पिन निकालकर वजनदार वस्तु रख दी जाती है। या फिर मारे गए आतंकी के शव के साथ विस्फोटक बांध दिया जाता है। जैसे ही सुरक्षाबल वहां पहुंचते हैं, वहां धमाका हो जाता है।
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