Anantnag Encounter घाटी में पिछले तीन सालों का सबसे बड़ा हमला, जनवरी से अब तक 48 आतंकियों को उतारा मौत के घाट
Anantnag Encounter कोकरनाग में जारी मुठभेड़ कश्मीर घाटी में तीन वर्ष के दौरान अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ है। यह मुठभेड़ मंगलवार रात शुरू हुई थी और इसमे एक कर्नल एक मेजर व एक डीएसपी समेत तीन अधिकारी बलिदान हुए हैं। वर्ष 2020 में 30 मार्च को उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच लगभग 18 घंटे मुठभेड़ चली थी
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 05:30 AM (IST)
जम्मू, जेएनएन। कोकरनाग में जारी मुठभेड़ कश्मीर घाटी में तीन वर्ष के दौरान अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ है। यह मुठभेड़ मंगलवार रात शुरू हुई थी और इसमे एक कर्नल, एक मेजर व एक डीएसपी समेत तीन अधिकारी बलिदान हुए हैं। यह मौजूदा वर्ष में दक्षिण कश्मीर में पांच अगस्त के बाद की पहली बड़ी मुठभेड़ भी है। पांच अगस्त को कुलगाम में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में भी तीन सैन्यकर्मी बलिदान हुए थे।
वर्ष 2020 में 30 मार्च को उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच लगभग 18 घंटे मुठभेड़ चली थी और इसमें एक कर्नल, एक मेजर और एक सब इंस्पेक्टर बलिदान हुए थे।
मौजूदा वर्ष में मारे गए हैं 48 आतंकी
इस वर्ष पहली जनवरी से 14 सितंबर तक जम्मू कश्मीर में हुई मुठभेड़ों में सुरक्षाबल ने 48 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से सिर्फ 10 आतंकी ही स्थानीय थे और 38 आतंकी विदेशी थे। यह पाकिस्तान की साजिश की तरफ इशारा करता है और बताता है कि किस तरह विदेशी आतंकियों को वह कश्मीर में धकेल रहा है। इस दौरान 20 सुरक्षाकर्मी भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं।पांच सैन्यकर्मी 20 अप्रैल को पुंछ के सुरनकोट में एक आतंकी हमले में बलिदान हुए थे जबकि पांच मई को राजौरी के जंगल में पांच अन्य जवान बलिदान हुए थे। तीन जवान पांच अगस्त को कुलगाम में बलिदान हुए थे। दो दिन पूर्व राजौरी में सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं जबकि अनंतनाग में जारी मुठभेड़ में तीन अधिकारी बलिदान हो चुके हैं।
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