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सुरक्षा के साथ मदद के लिए हर दम तैयार लद्दाख के रक्षक, पर्यटकों की मदद कर रही सेना-आइटीबीपी

इस समय आइटीबीपी की नार्थ वेस्ट फ्रंटियर के पर्वतारोहियों की स्पेशल रिस्पांस टीमें स्टाेक कांगडी इलाके में 5400 मीटर की उंचाई पर विशेष अभियानों में हिस्सा ले रही हैं। ये किसी भी प्रकार की आपदा आने पर त्वरित कार्यवाही करने की तैयारी है।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Wed, 20 Apr 2022 02:05 PM (IST)
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पर्वतारोहियों की स्पेशल रिस्पांस टीमें किसी भी प्रकार की आपदा आने पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए तैयार है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालने वाली भारतीय सेना व इंडो तिब्बत पुलिस लोगों को मुश्किलों से बचाने के लिए भी हाजिर है। लद्दाख में सेना इस समय यहां पर्यटकों की मदद कर रही है तो वहीं आइटीबीपी राहत एवं पुनवार्स के लिए तैयारी कर रही है।

इस समय आइटीबीपी की नार्थ वेस्ट फ्रंटियर के पर्वतारोहियों की स्पेशल रिस्पांस टीमें स्टाेक कांगडी इलाके में 5400 मीटर की उंचाई पर विशेष अभियानों में हिस्सा ले रही हैं। ये किसी भी प्रकार की आपदा आने पर त्वरित कार्यवाही करने की तैयारी है। गर्मियों में कई बार उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फ के पिघलने से आने वाले हिमस्खलन जान माल के लिए खतरा बन जाते हैं। ऐसे में आइटीबीपी की नार्थ वेस्ट फ्रंटियर के आईजी दोरजे लहाटु की देखरेख में आइटीबीपी की टीमें दुर्गम हालात में राहत एवं पुनर्वास अभियान चलाने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।

वहीं दूसरी ओर सेना के सियाचिन वारियर्स ने खारदुंगला पास में फंसे गए पर्यटकों को समय पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनकी जानें बचाई। ये पर्यटक खराब मौसम के कारण रास्ते में फंसे गए थे। इससे पहले सोमवार को भारतीय सेना की पराशु ब्रिगेड ने उन्नीस हजार फीट की उंचाई पर राहत अभियान चलाया। सेना के जवानों ने मरसिमिकला इलाकों में दुर्घटनाग्रस्त हो गए एक ट्रक को सड़क पर लाने के साथ इसमें सवार लोगों की भी मदद की थी। सड़क पर लोगों की मदद करने के साथ इस समय सेना दूरदराज के लोगों को राहत देने के लिए मेडिकल कैंपों का भी आयोजन कर रही है।

पीआरओ डिफेंस कर्नल एमरान मुसावी का कहना है कि लद्दाख में सेना किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए हरदम तैयार रहती है। ऐसे में सड़क हादसे या किसी आपदा के आने की स्थिति में सेना की स्थानीय बटालियन के जवान फौरन हरकत में आ जाते हैं। राहत एवं पुनवार्स के लिए सैनिकों का तैयार रखना उनकी डयूटी का एक अहम हिस्सा है।  

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