Jammu Kashmir: नई पीढ़ी के भविष्य को बेहतर बना रही सेना, दूरदराज इलाकों के युवाओं के ऐसे कर रही है सपने साकार
सेना की उत्तरी कमान की स्थानीय बटालियने अपने अपने इलाकों में युवाओं को बेहतर शिक्षा दिलाने में सहयोग दे रही हैं । ऐसे में कालेजों में करियर काउंसिलिंग कर युवाओं को दिशा देने के साथ दूरदराज के गांवों में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत बनाया जा रहा है।
By vivek singhEdited By: Vikas AbrolUpdated: Mon, 14 Nov 2022 03:34 PM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। आतंक, अव्यवस्था के दाैरे में जम्मू कश्मीर व लद्दाख के दूरदराज इलाकों में युवा बेहतर शिक्षा हासिल करने में पीछे रह जाते थे। ऐसे युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना की उत्तरी कमान दूरदराज इलाकों में शिक्षा को प्रोत्साहन दे रही है।
बड़गाम के ताहिर अब्बास सेना के सुपर 50 अभियान में ट्रेनिंग लेने के बाद अब आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज में दाखिला लेने जा रहे हैं। वह अपने जिले के पहले युवा हैं जिन्होंने आर्म्ड फोर्स मेडिकल कालेज की परीक्षा पास कर ली है। यह सेना की ट्रेनिंग से संभव हुआ है। ताहिर कश्मीर व लद्दाख के उन युवाओं में से हैं जो सेना की कोचिंग क्लासों में प्रशिक्षण लेने के बाद डाक्टर, इंजीनियर बनने के अपने सपने को साकार कर सके हैं।
डाक्टर बनने का सपना रखने वाले कश्मीर के युवाओं के लिए सेना ने इस वर्ष फरवरी में सुपर 50 कोचिंग क्लास शुरू की थी। इस कोर्स के माध्यम से युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया था। प्रशिक्षण हासिल करने वाले लद्दाख, कश्मीर, जम्मू संभाग के विद्यार्थियों में 20 लड़कियां हैं। सेना ने वर्ष 2018 में इस अभियान की शुरूआत सुपर 30 से शुरू की थी। अब इसे सुपर 50 का नाम दिया गया है।
सेना की उत्तरी कमान की स्थानीय बटालियने अपने अपने इलाकों में युवाओं को बेहतर शिक्षा दिलाने में सहयोग दे रही हैं । ऐसे में कालेजों में करियर काउंसिलिंग कर युवाओं को दिशा देने के साथ दूरदराज के गांवों में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत बनाया जा रहा है। पुलवामा के पैरामेडिकल कालेज में युवाओं को रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी देने वाली सेना ने कारगिल के दूरदराज इलाकों में स्कूली बच्चाें को बेहतर शिक्षा देने के लिए उपलब्ध करवाए कंप्यूटर। सेना ने कारगिल के काकसर स्थित गर्ल्स हाइ स्कूल में कम्पयूटर के इस्तेमाल को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान छात्राओं को सिखाया गया कि वे तकनीक के इस्तेमाल से किस तरह से भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। इसके साथ सेना शिक्षा के बेहतर अवसरों के साथ युवाओं को देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही प्रगति को करीब से देखने के अवसर भी उपलब्ध करवा रही है। इस समय लेह के दूरदराज पदम इलाके के 25 विद्यार्थी दिल्ली, आगरा, चंडीगढ़ के दौरे पर हैं। इस दल में 18 छात्राएं शामिल हैं।
श्रीनगर के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल एमरान मुसावी का कहना है कि दूरदराज इलाकों के युवा शहरों के युवाओं के मुकाबले शिक्षा के अवसरों के मामले में पीछे रह जाते हैं। ऐसे में सेना की उत्तरी कमान ने दूरदराज इलाकों के स्कूलों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी संभाली है। इस मुहिम के साकात्मक परिणाम सामने आए हैं। दूरदराज के युवा प्रतियाेगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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