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Army in Jammu: मददगार बनी सेना; किश्तवाड़ में 11 हजार फीट पर फंसे बक्करवालों तक पहुंचाई मदद

बंदरकूट इलाके में सेना की पोस्ट को बक्करवाल बशीर अहमद ने जानकारी दी कि उसकी पत्नी तीन बच्चे व माल मवेशी बर्फबारी में फंस गए हैं। इसकी जानकारी मिलते ही सेना हरकत में आ गई। चिंगम पोस्ट से बचाव दल मदद के लिए निकल पड़ा।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Mon, 17 May 2021 01:34 PM (IST)
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अगर सेना मदद के लिए नहीं आती तो परिवार के लिए खाने-पीने के अभाव में जान बचाना मुश्किल हो जाता।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: मुश्किल हालात में 11 हजार फीट की उंचाई पर बर्फबारी में फंसे बक्करवालों की मदद के लिए सेना मसीहा बनकर आ गई। माल मवेशी के साथ कठुआ जिले के पहाड़ी इलाके से किश्तवाड़ के नावापाची जा रहे बक्करवाल छात्रू इलाके के नगिनसुर में भारी बर्फ में फंसे गए। ठंड में इस परिवार के पास खाने पीने का सामान नही था। इसके साथ परिवार का एक बच्चा भी बीमार हो गया।

बंदरकूट इलाके में सेना की पोस्ट को बक्करवाल बशीर अहमद ने जानकारी दी कि उसकी पत्नी, तीन बच्चे व माल मवेशी बर्फबारी में फंस गए हैं। इसकी जानकारी मिलते ही सेना हरकत में आ गई। चिंगम पोस्ट से बचाव दल मदद के लिए निकल पड़ा। कठिन हालात में 24 घंटे का सफर कर सेना के जवान बर्फबारी के बीच राशन लेकर बक्करवालों के बीच पहुंचे। इस दौरान बीमार बच्चे को भी प्राथमिक उपचार दिया गया।

सेना की मदद का आभार जताते हुए बशीर अहमद ने बताया कि गर्मियों में परिवार मवेशियों के साथ किश्तवाड़ के नावापाची इलाके में चला जाता है। इस बार भी परिवार उंचाई वाले इलाकों की ओर जा रहा था। इस दौरान 11 हजार फीट उंचाई पर बर्फबारी होने लगी व परिवार फंस गया। अगर सेना मदद के लिए नही आती तो परिवार के लिए खाने पीने के अभाव में जान बचाना मुश्किल हो जाता।

कोरोना से उपजे हालात में सेना ने दूरदराज इलाकों में पेट्रोलिंग तेज कर दी है। इस दौरान उच्च पर्वतीय इलाकों में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक करने के साथ उनकी मदद भी की जा रही है। 

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