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Jammu News: आतंकियों का खात्मा करने के लिए जम्मू के पर्वतीय क्षेत्रों में सेना की होगी वापसी, रक्षा और गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश

राजौरी-पुंछ के बाद कठुआ और डोडा के पर्वतीय इलाकों में पैर पसार रहे आतंकियों के सफाए के लिए सेना की फिर से वापसी की जा रही है। नई रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस भीतरी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाएगी। निचले क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती अधिक रहेगी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 17 Jul 2024 05:45 AM (IST)
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आतंकियों का खात्मा करने के लिए जम्मू के पर्वतीय क्षेत्रों में सेना की होगी वापसी

 नवीन नवाज, जम्मू। राजौरी-पुंछ के बाद कठुआ और डोडा के पर्वतीय इलाकों में पैर पसार रहे आतंकियों के सफाए के लिए सेना की फिर से वापसी की जा रही है। इसके अलावा पुलिस और केंद्रीयबल की अतिरिक्त टुकड़ियों की तैनाती भी बढ़ेगी। यह सुरक्षाबल न सिर्फ आतंकियों को खोजकर उनके सफाए के लिए अभियान चलाएंगे बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी आतंकियों व उनके पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट करने के अभियान में भागीदारी बनाएंगे।

भौगोलिक परिस्थितियों और आतंकी गतिविधियों के आधार पर राजौरी, पुंछ, रियासी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, ऊधमपुर व कठुआ जिले के पहाड़ों में लगभग 55 स्थानों को चिह्नित किया गया है। नई रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस भीतरी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाएगी।

निचले क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती अधिक रहेगी। सेना की राष्ट्रीय राइफल्स की टुकडि़यों को भी फिर से तैनात किया जाएगा। आइटीबीपी के विशेष दस्तों को भी पर्वतीय इलाकों में आतंकरोधी अभियानों में शामिल किया जाएगा।

रक्षा और गृह मंत्रालय ने दिए आवश्यक निर्देश

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय सोमवार रात डोडा के जंगल में आतंकी हमले में चार जवानों के बलिदान होने के बाद उपजे हालात का जायजा लेने के बाद लिया गया है। रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों को इस विषय में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।

सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल से जुड़े अधिकारियों को संवेदनशील दर्रों व पहाड़ी चोटियों में अतिशीघ्र नाके, शिविर और चौकियां स्थापित करने की प्रक्रिया पूरा करने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि प्रस्तावित चौकियां और शिविर एक दूसरे से समान दूरी पर होंगे और सुरक्षा ग्रिड को मजबूत बनाकर क्षेत्रों पर पूरा नियंत्रण रखेंगे।

सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण में आवश्यक सुधार पर भी जोर

केंद्र सरकार ने तीन वर्ष के दौरान जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमलों का आकलन करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और राष्ट्रीय राइफल्स के आतंकरोधी प्रशिक्षण में भी आवश्यक सुधार पर जोर दिया है।

सुरक्षा बलों को एआई पर आधारित रक्षा उपकरण दिए जा रहे

जंगल की लड़ाई के साथ पहाड़ पर लड़ाई के लिए भी संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। आतंकियों के खिलाफ तैनात सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक ड्रोन और विस्फोटकों का पता लगाने व उन्हें निष्क्रिय करने में समर्थ अत्याधुनिक सेंसर व जैमर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित रक्षा उपकरण और संचार उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं।

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