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Article 370 Verdict: फैसले से पहले अलर्ट पर जम्मू-कश्मीर, इंटरनेट मीडिया पोस्ट पर भी पुलिस रख रही पैनी नजर

आइजीपी ने सोमवार के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पिछले दो हफ्तों में घाटी के 10 जिलों में से अधिकांश में सुरक्षा समीक्षा बैठकें करने वाले पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं। यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति भंग न हो।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 11 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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फैसले से पहले अलर्ट पर जम्मू-कश्मीर (file photo)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अनुच्छेद 370 पर सोमवार को आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूर्व पूरे जम्मू-कश्मीर को अलर्ट पर रखा गया है। विशेष तौर पर कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। वहीं पुलिस अलगाववादियों से जुड़े रहे लोगों पर भी नजर रख रही है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

प्रदेश के मुख्य राजनीतिक दलों के अतिरिक्त हर किसी की नजर अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। हर तरफ इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। पुलिस को आशंका है कि आतंकी संगठन और अलगाववादी प्रतिकूल फैसला आने पर माहौल खराब कर सकते हैं। इसी को देखते हुए पूरे जम्मू-कश्मीर को अलर्ट पर रखा गया है।

इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट होने वाले बयानों पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर वीके बिर्दी का कहना है कि घाटी में हर परिस्थिति में शांति बहाल रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 2 अगस्त से मामले में दैनिक सुनवाई करने के बाद 5 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हालांकि आइजीपी ने सोमवार के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पिछले दो हफ्तों में घाटी के 10 जिलों में से अधिकांश में सुरक्षा समीक्षा बैठकें करने वाले पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं। यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति भंग न हो।

यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट के अपेक्षित फैसले से संबंधित हैं? इस पर उन्होंने कहा कि कुछ तत्वों द्वारा लोगों को भड़काने की कोशिश करने की कई घटनाएं हुई हैं। हाल ही में कई पोस्ट आए हैं, जिनमें लोगों को भड़काने की कोशिश की गई। ऐसे तत्वों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है और भविष्य में भी की जाएगी।

अधिकारियों ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील या आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सीआरपीसी धारा 144 के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

कोई आपत्तिजनक संदेश मिलता है तो स्क्रीनशाट के साथ पुलिस को सूचित करें

कई जिलों में पुलिस द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है दिशानिर्देशों का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आतंकवाद, अलगाववाद, धमकियों, धमकी या सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री से संबंधित सामग्री के बारे में स्पष्टता प्रदान करना है। नागरिकों को सुरक्षित आनलाइन वातावरण बनाए रखने में योगदान देने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

यह भी कहा गया है कि अगर आपको आपत्तिजनक सामग्री वाला कोई संदेश मिलता है तो स्क्रीनशाट और विस्तृत जानकारी के साथ तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या पुलिस पोस्ट पर इसकी रिपोर्ट करें।

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