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Eid Namaz Controversy: ईदगाह में ईद की नमाज को लेकर जम्मू-कश्मीर में घमासान, वक्फ बोर्ड और पुलिस आमने-सामने

Eid Namaz Controversy जम्मू-कश्मीर की स्थानीय प्रशासन ने यहां जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार जुम्मा-तुल-विदा की सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी। जबकि वक्फ ने साफ तौर पर प्रार्थनाओं की घोषणा की है और स्थानीय इंतजामिया ने प्रार्थनाओं के कार्यक्रम का ऐलान किया है।

By AgencyEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 14 Apr 2023 12:58 PM (IST)
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ईदगाह में ईद की नमाज को लेकर जम्मू-कश्मीर में घमासान
जम्मू, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर में जुम्मे की नमाज को लेकर घमासान मचा हुआ है। सामूहिक ईद की नमाज पर जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच खींचतान शुरू हो गई है। कश्मीर घाटी में भ्रम और तनाव पैदा हो गया है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर की स्थानीय प्रशासन ने यहां जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार 'जुम्मा-तुल-विदा' की सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी। जबकि वक्फ ने साफ तौर पर प्रार्थनाओं की घोषणा की है और स्थानीय इंतजामिया ने प्रार्थनाओं के कार्यक्रम का ऐलान किया है। प्रशासन ने ईदगाह सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद से ही घाटी में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।

दरगाह पर ताला लगाने के आदेश

शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित मस्जिद के प्रबंध निकाय अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने एक बयान में कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह दरगाह का दौरा किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने प्रबंधन से दरवाजे पर ताला लगाने को कहा क्योंकि प्रशासन ने फैसला किया कि मस्जिद में 'जुम्मा-तुल-विदा' की नमाज की अनुमति नहीं दी जाएगी।

घाटी में कई सालों से सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। अब घाटी में धारा 370 हटने के बाद स्थिति सामान्य होने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद सामूहिक नमाज का ऐलान किया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रशासन ने साफ कहा है कि घाटी में शांति है, लेकिन हम किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते। शांति का हवाला देते हुए प्रशासन ने सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी और दरगाह पर ताला लगाने के आदेश जारी कर दिए। प्रशासन के इस आदेश के बाद से ही घाटी में तनाव है।

शुरू हुआ प्रशासन के फैसले का विरोध

प्रशासन के फैसले का घाटी में विरोध शुरू हो गया है। औकाफ ने अधिकारियों के इस कदम का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के इस फैसले से लाखों मुसलमानों को भारी परेशानी हुई।

औकाफ ने कहा कि रमजान के महीने में शुक्रवार का बहुत महत्व है। इस दिन परंपरागत रूप से घाटी के सभी हिस्सों से जामिया मस्जिद में रमजान के आखिरी और धन्य शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए आते हैं। यहां पर रमजान के आखिरी दिन नमाज अदा करते हैं। अब प्रशासन ने इस नमाज पर ही रोक लगा दी है।

'शब-ए-बारात' की सामूहिक नमाज पर लगी थी रोक

बता दें कि जुमातुल विदा और ईद की नमाज अदा करने वाली अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने अंतिम फैसला लेते हुए कार्यक्रम की घोषणा की है और कहा है कि ईदगाह में 21 या 22 अप्रैल को सुबह 10 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी।बता दें कि पिछले महीने, अधिकारियों ने मस्जिद में 'शब-ए-बारात' सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी थी। अब इस पूरे मामले पर जम्मू-कश्मीर में बवाल शुरू हो गया है।

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