Jammu Kashmir News: अंगदान को लेकर आई जागरूकता, अब तक 10 हजार लोग अंगदान करने की ले चुके हैं शपथ
GMC जम्मू को इसी वर्ष अप्रैल महीने में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मंजूरी मिली थी। स्टेट आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन दो वर्ष से अंगदान के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है लेकिन अब किडनी और कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से लोगों को उम्मीद बंध गई है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। कुछ वर्ष पहले तक अंगदान को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियों के शिकार जम्मू-क्श्मीर के लोगों में जागरूकता आ रही है। अभी तक करीब दस हजार लोग अंगदान करने की शपथ ले चुके हैं। हालांकि इनमें से कितने अंगदान करेंगे, यह तो समय बताएगा, लेकिन अब एक हल्की सी उम्मीद की किरण जिंदगी की जंग लड़ने वालों को नजर आ रही है। इसका एक कारण जम्मू-कश्मीर में कुछ महीनों में 12 लोगों का किडनी प्रत्यरोपण और दो दर्जन से अधिक लोगों का कार्निया ट्रांसप्लांट होना है।
राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू को इसी वर्ष अप्रैल महीने में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मंजूरी मिली थी। हालांकि, स्टेट आर्गन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन दो वर्ष से अंगदान के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है, लेकिन अब किडनी और कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से लोगों को उम्मीद बंध गई है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। हाल ही में आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कालेज जम्मू में नियुक्त एक डाक्टर ने मरणोपरांत नेत्रदान किया। इससे पूर्व भी जम्मू में कइयों ने नेत्रदान कर इस दिशा में समाज को आगे आने का संदेश दिया।
स्टेट आर्गेन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन से जुड़े सदस्यों की माने तो स्कूलों, कालेजों, नर्सिंग कालेजों व अन्य संस्थानों में आयोजित हुए कार्यक्रमों के दौरान कुछ महीनों में ही आठ सौ से अधिक लोगों ने अंगदान करने की शपथ ली है, जबकि बीते दो से तीन वर्षों में दस हजार से अधिक लोग अंगदान करने की शपथ ले चुके हैं। इनमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। स्टेट आर्गेन और टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के संयुक्त निदेशक डा. संजीव पूरी का कहना है कि अप्रैल महीने के बाद अभी तक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जम्मू में दस लोगों के किडनी ट्रांसप्लांट किए गए हैं। इन सभी मरीजों को उनके स्वजनों ने ही किडनी दान की। अभी ब्रेन डेड किसी भी मरीज का अंगदान नहीं हुआ है। अभी उस स्तर की सुविधा भी नहीं है, लेकिन एक बार सुविधाओं का विस्तार हो जाए तो इसकी शुरुआत भी हो जाएगी। इसके लिए युवाओं को विशेष रूप से जागरूक बनाया जा रहा है। नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेजों के विद्यार्थी इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए उन्हीं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के लिए कई लोग स्वयं आगे आए हैं और उनके कारण ही आज कइयों की जिंदगी फिर से रोशन हुई है।
किन-किन संस्थानों में है सुविधा
जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ही यहां पर किडनी प्रत्यरोपण की सुविधा शुरू हुई थी। पहले सिर्फ शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस सौरा में यह सुविधा थी, लेकिन अब जीएमसी जम्मू और श्रीनगर में भी सुविधा शुरू हो गई है। श्रीनगर में पिछले महीने ही पहली बार दो मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। अब श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने भी किडनी प्रत्यरोपण के लिए आवेदन दिया है। इस संस्थान को भी जल्द ही यह सुविधा मिलने जा रही है। कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा भी जीएमसी जम्मू और श्रीनगर में है। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन ने भी आवेदन किया है। इस अस्पताल में भी जल्द सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।