'पाकिस्तान के इशारे जम्मू-कश्मीर पर हो रहे आतंकी हमले', बजरंग दल ने किया प्रदर्शन, नेकां सरकार पर भी बोला हमला
Ganderbal Terrorist Attack गांदरबल में हुए आतंकी हमले के विरोध में राष्ट्रीय बजरंग दल ने बीसी रोड पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा और पुतला जलाया। बजरंग दल ने मांग की कि 1989 से अब तक जम्मू-कश्मीर में जितने भी प्रवासी लोगों की आतंकी हमले में मौत हुई है उनके परिवार वालों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा व घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
जागरण संवाददाता, जम्मू। गांदरबल जिले के सोनमर्ग में रविवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बीसी रोड पर प्रदर्शन कर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि जम्मू-कश्मीर में नेकां की सरकार बनते ही आतंकी हमले शुरू हो गए हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जलाया पाकिस्तान का झंडा
इस मौके पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा व पुतला भी जलाया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि नेकां के घोषणापत्र में लिखा था कि वह पीएसए हटाएंगे और जेलों में बंद पत्थरबाजों को जेलों से रिहा करेंगे। अब उमर अब्दुल्ला की सरकार बनते ही यह सब दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस खेल को समझना चाहिए और आतंकियों के साथ ही उनके मददगारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की मांग
बजरंगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी हमले हो रहे हैं। इसलिए केंद्र की मोदी सरकार को एक बार फिर पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करके उसे सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में नेकां सरकार को सशक्त करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे आतंकवाद बढ़ेगा।राष्ट्रीय बजरंग दल ने मांग की कि 1989 से अब तक जम्मू-कश्मीर में जितने भी प्रवासी लोगों की आतंकी हमले में मौत हुई है, उनके परिवार वालों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा व घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
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इलाके में तलाशी अभियान शुरू
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में हुए इस आतंकी हमले में एक डॉक्टर सहित 7 लोग मारे गए। आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी भी साक्ष्य जुटाने के लिए घटनास्थल की तलाशी ले रहे हैं।
बता दें कि यह हमला तब हुआ जब सुरंग में काम कर रहे श्रमिक अपने शिविर के मेस में खाना खाने जा रहे थे। आतंकियों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग की जिसमें 7 लोगों की जान चली गई जबकि कई लोग घायल हैं।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा बल गांदरबल में हुए क्रूर हमले में निर्माण श्रमिकों की हत्या का बदला लेंगे और आतंकवादी तथा उनके सहयोगी इसे आने वाले समय में याद रखेंगे।
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