Jammu Kashmir News: बर्फबारी के बिना वीरान पड़ी बनी की पहाड़ियां, नदी-नालों का भी गिरा जलस्तर; देवी-देवताओं को पूज रहे लोग
इस बार प्रदेश में बर्फबारी न होने के कारण बनी की पहाड़ियां वीरान हैं। वहीं नदी-नालों का भी जलस्तर गिरा हुआ है। जहां दिसंबर से मार्च तक ये पहाड़ियां बर्फ से लदी रहती थीं। वो आज बर्फ को तरस रही हैं। स्थानीय लोग बर्फबारी के लिए देवी देवताओं की पूजा कर रहे हैं। वहीं लोगों का मानना है कि अगर 20 दिन में बर्फबारी नहीं हुई तो काफी दिक्कतें होंगी।
संवाद सहयोगी, बनी। दिसंबर से लेकर मार्च महीने तक बर्फ से ढकी रहने वाली बनी क्षेत्र की पहाड़ियां इस बार बर्फबारी नहीं होने से वीरान हैं। पहले दिसंबर से लेकर मार्च तक बर्फबारी से नदी-नालों में भी उफान आता था। बाहर से आने वाले पर्यटक भी बर्फ से लदी ऊंची पहाड़ियों को निहारकर आनंद प्राप्त करते थे। लेकिन, इस बार दृश्य ही अलग है पहाड़ियां वीरान हैं। वहीं, क्षेत्र के नदी-नालों का जलस्तर भी बहुत कम हो गया है। झरने और बावलियों का जलस्तर भी नीचे चला गया है।
बर्फबारी के लिए कर रहे देवी-देवताओं की पूजा
एनएचपीसी हाइडिल प्रोजेक्ट गति के डैम का जलस्तर भी करीब दो मीटर से नीचे चला गया है। पानी से चलने वाली चक्कियां बंद होने के कगार पर हैं। पहले इन महीनों में सेवा नदी में इतना पानी होता था कि उसे कोई भी व्यक्ति पार नहीं कर सकता था। इस वर्ष छोटे बच्चे भी आराम से नदी के आर-पार जा सकते हैं। उधर, बर्फबारी के लिए स्थानीय लोगों ने देवी-देवताओं की पूजा भी की। मंदिरों में जाकर वर्षा और बर्फबारी की मन्नत मांगी है।
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बारिश न होने पर बढ़ सकती हैं समस्याएं
90 वर्षीय केसुर राम, दयाराम का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है कि सर्दी के मौसम में पहाड़ियां नंगी पड़ी हुई हैं। बर्फबारी का नाम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरा महीना बारिश और बर्फबारी होती तो देखी है, लेकिन यह पहली बार हुआ है कि नदी-नाले में भी जलस्तर पूरी तरह से कम हो गया है। आने वाले 20 दिन में अगर बारिश नहीं होती तो लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा। पानी के झरने और बावलियों में जलस्तर कम होने से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ेगा।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।