जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का खतरा, मूसलाधार बारिश से बसंतर नदी आई उफान पर; कई गांवों में हो रहा कटाव
सांबा जिले में लगातार बारिश के कारण बसंतर नदी में उफान आ गया है जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जिससे भूमि कटाव हो रहा है और गांवों में पानी घुसने का डर है। बीएसएफ और प्रशासन सतर्क हैं और लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है।
जागरण संवाददात, रामगढ़ (जम्मू)। जिला सांबा के पहाडी, मैदानी व सीमांत क्षेत्रों में लगातार हुई मूसलाधार बारिश से अग्रिम सीमा के साथ बहने वाली बसंतर नदी उफान पर आ गई। नदी के उफान का जलस्तर खतरे के निशान से कई फीट ऊपर पहुंच गया, जिससे हर तरफ बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं।
बसंतर नदी में आए उफान से अग्रिम सीमा के साथ लगते कई क्षेत्रों से भूमि कटाव हो रहा है, जिससे बाढ़ का पानी रिहायशी गावों व किसानों के उपजाऊ खेतों में तवाही मचाने को आमादा है। वहीं बसंतर नदी में आ रहे उफान का सीमा सुरक्षा बल की कई सीमा पोस्टों पर भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
अगर नदी का जलस्तर और बढ़ा, तो हर तरफ तवाही का मंजर बनना तय है। हालांकि, अभी तक के हालात खतरे के बढ़ने की आशंका दर्शा रहे हैं, लेकिन अगर अगले दो दिनों तक इसी तरह बारिशें हुईं, तो अग्रिम सीमा के साथ लगते करीब आधा दर्जन सीमांत गावों में भी बसंतर का पानी घुसने से बाढ़ आ सकती है। शनिवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश रविवार सुवह दस बजे तक जारी रही।
इससे जिला सांबा के पहाडी क्षेत्रों से आने वाला बारिश का पानी बसंतर दरिया और देविका नदी के रास्ते अग्रिम सीमा के साथ लगती बसंतर नदी में पहुंच गया। बसंतर नदी में दरिया व देविका का पानी एक साथ आने से हर तरफ उफान आ गया। कई वर्षों से शांत बहने वाली बसंतर नदी ने अचानक रौद्र रूप धारण कर लिया। बसंतर नदी में आए उफान को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल जवानों ने पहले ही अपनी सुरक्षा के लिए बेहतर प्रबंध किए थे और सुरक्षित जगहों पर साजो-सामान को पहुंचा दिया था।
लेकिन लगातार बढ़ते बसंतर नदी के जलस्तर और कई जगहों पर होने वाले भूमि कटाव से अब अग्रिम सीमा के मालूचक, तनवर पोस्ट, एसपी-वन, एसपी-टू, नर्सरी, बल्लड़, नंगा आदि सीमा पोस्टों व रिहायशी गावों पर बाढ़ का खतरा बन गया है। उधर अग्रिम सीमा की बल्लड़ फारवर्ड पोस्ट का रामगढ़ क्षेत्र से संपर्क कट चुका है और बसंतर का उफान इसमें बाधा बनकर बहर रहा है।
बसंतर नदी के उफान से कई जगहों जिनमें नर्सरी, मालूचक, कमोर अग्रिम से होने वाले भूमि कटाव से नदी का उफान सीमांत खेतों व गावों में पहुंच कर तवाही मचा सकता है। अगर इन कटाव वाली जगहों से नदी की बाढ़ रिहायशी गावों तक बढ़ा तो उससे बरोटा, कमोर, कमोर-कैंप, नंगा, नथवाल आदि में जलभराव हो सकता है। सीमांत किसान व आम लोग बसंतर नदी में आए उफान से दहशत महसूस कर रहे हैं।
लोग व किसान भगवान से इस जलप्रलय से हर किसी की रक्षा करने की प्रार्थनाएं कर रहे हैं। बसंतर नदी में आए उफान को देखते हुए बीएसएफ उच्च प्राधिकरण, जिला प्रशासन पूरी तरह स्तर्क है और हर स्थिती पर नजर रखे हुए है। किसानों व आम लोगों से नदी से दूर रहने की सलाह दी जा रही हैं और आपात स्थिती में जारी हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की पेशकश की जा रही है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्र के उत्तरबहिनी, पुरमंडल देविकाऔं में भी पानी का उफान रहा, जिससे नदी, नालों में बाढ़ जैसी स्थिती बनी रही।
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