अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं की सेवा में लगे भगवती नगर वासी, अपने घरों में ठहरा रहे; लंगर की भी पूरी व्यवस्था
Shri Baba Amarnath Ji Yatra भगवती नगर के आसपास के मोहल्लों के लोग श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। श्रद्धालुओं को स्थानीय लोग अपने घरों में ही ठहरा लेते हैं। वहीं भगवती नगर में लगे लंगर वाले भी श्रद्धालुओं की पूरी मदद करते हैं। भगवती सेवा समिति के सदस्यों ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि हर श्रद्धालु की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता। श्री बाबा अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा शुरू होते ही भगवती नगर के आसपास के मोहल्लों के लोग श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसे देखते हुए लोगों ने अपने घर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल रखे हैं।
रात 10 बजे बंद हो जाता है यात्री निवास का गेट
अक्सर यात्री निवास का गेट रात 10 बजे के बाद बंद कर दिया जाता है। उसके बाद न तो किसी को अंदर आने दिया जाता है और न ही बाहर जाने की अनुमति होती है। अपनी गाड़ियों से यात्रा के लिए लिए जाने वाले श्रद्धालु अक्सर देरी से यात्री निवास पहुंचते हैं। ऐसे में उनकी कोशिश होती है वहीं आसपास कहीं रहने के लिए जगह मिल जाए ताकि सुबह समय से यात्रा में शामिल हुआ जा सके।
श्रद्धालुओं को स्थानीय लोग अपने घरों में ठहरा रहे
श्रद्धालुओं को स्थानीय लोग अपने घरों में ही ठहरा लेते हैं। वहीं, भगवती नगर में लगे लंगर वाले भी श्रद्धालुओं की पूरी मदद करते हैं और कोशिश होती है कि किसी भी श्रद्धालु को खाली पेट न सोना पडे़। कहा जा सकता है कि यात्री निवास पहुंचने वाला कोई भी श्रद्धालु किसी भी समय वहां पहुंचे, उसे निराशा नहीं होगी।
आसाराम आश्रम और मंदिरों में भी यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्री निवास के आसपास ही कई ऐसे दुकानें खुल गई हैं, जहां श्रद्धालुओं की जरूरत का हर सामान मिल जाता है। टॉर्च से लेकर पहाड़़ी क्षेत्रों में चलने वाले जूतों, तरपाल, बरसाती, बैग आदि तक हर चीज मिल जाती है। रास्तें में अगर किसी का बैग, अटैची खराब हो गया है तो उसे ठीक करने के लिए भी लोग काम कर रहे हैं। इसके अलावा, आसाराम आश्रम और दूसरे मंदिरों में भी यात्रियों के ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था की गई है।
भगवती सेवा समिति के सदस्यों ने कहा कि उनकी कोशिश होती है कि हर श्रद्धालु की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए। हर श्रद्धालु का तरीके से मार्ग दर्शन हो। एक मात्र कोशिश यही है कि श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिले। जिन घरों में लोग ठहर रहे हैं, वहां भी श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा दी जाती है ताकि श्रद्धालु आराम से रह सके और दूसरे दिन उनकी यात्रा आरामदायक हो।