'मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनाने में सर का बहुत बड़ा योगदान', परवेज रसूल ने यूं किया बिशन सिंह बेदी को याद...
परवेज रसूल बिशन सिंह बेदी को अपने पिता के समान मानते हैं। उनका कहना है कि भारतीय टीम में पदार्पण करने का जो मौका मुझे मिला उसके पीछे बिशन सिंह बेदी सर का बहुत बड़ा योगदान रहा है। फिरकी गेंदबाज बिशन सिंह बेदी 17 जुलाई 2011 को जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ तीन वर्ष के अनुबंध पर चीफ कोच के रूप में जुड़े थे।
विकास अबरोल, जम्मू। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज फिरकी गेंदबाज के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध बिशन सिंह बेदी भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन जम्मू कश्मीर के साथ उनका नाता क्रिकेट के माध्यम से काफी घनिष्ठ रहा है।
मैदान में ग्राउंड मैन से लेकर नेट में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों से वह स्वयं टहलते हुए बातें करते और उनकी कुशलक्षेम पूछने के साथ क्रिकेट खेल के बारे में सभी से उनके अनुभव जानने को भी उत्सुक रहते। जम्मू कश्मीर में क्रिकेट खेल को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में बिशन सिंह बेदी का प्रमुख योगदान रहा है।
जिस समय बिशन सिंह बेदी जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ कोच रहे, उस स्वर्णिम काल के दौरान ही जम्मू कश्मीर के होनहार क्रिकेटर परवेज रसूल को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला था। परवेज रसूल बिशन सिंह बेदी को अपने पिता के समान मानते हैं। उनका कहना है कि भारतीय टीम में पदार्पण करने का जो मौका मुझे मिला, उसके पीछे बिशन सिंह बेदी सर का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
फिरकी गेंदबाज बिशन सिंह बेदी 17 जुलाई 2011 को जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ तीन वर्ष के अनुबंध पर चीफ कोच के रूप में जुड़े थे। परवेज रसूल ने बिशन सिंह बेदी के साथ बिताए अपने पल साझा करते हुए कहा कि जब मैंने फरवरी 2013 को बोर्ड अध्यक्ष एकादश की ओर से आस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में दो दिनी अभ्यास मैच के पहले दिन 45 रन देकर सात विकेट चटकाए तो वो दिन मेरे लिए सबसे यादगार दिन था। बिशन सिंह बेदी ने हौसला अफजाई करते हुए कहा था कि तुम उभरता हुआ सितारा हो और जल्द ही तुम टीम इंडिया का हिस्सा बन जाओगे।
तुमने जिस तरह से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में उलझाकर सात विकेट चटकाए हैं, वह काबिले तारीफ हैं। रसूल ने बताया कि बिशन सिंह बेदी ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान और खेल संसाधन नहीं होना एक बहानेबाजी होती है। प्रतिभाशाली खिलाड़ी तमाम दिक्कतों के बावजूद एक न एक दिन मैदान पर अपनी प्रतिभा साबित करके ही रहते हैं, लेकिन इसमें किस्मत का भी बहुत बड़ा हाथ होता है।
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परवेज रसूल ने अपने शोक संदेश में कहा कि मुझे यह खबर सुनकर बहुत दुख हुआ कि मेरे गुरु और एक मार्गदर्शक बेदी सर का निधन हो गया है। उनका ज्ञान और समर्थन मेरे लिए अमूल्य रहा है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी बाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज थे। वर्ष 1976 में वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने थे। उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट-आफ-स्पेन में खेला गया टेस्ट मैच भारत ने दूसरी पारी में रिकार्ड 406 रन बनाकर जीता था।
जम्मू कश्मीर के खिलाड़ियों के हित की हमेशा करते थे बात : कालरा
जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के सदस्य एवं बीसीसीआइ के पूर्व सदस्य रंजीत कालरा ने कहा कि बिशन सिंह बेदी सर एक महान हस्ती थे। उनकी छवि सबसे अलग और निराली थी। उनके अनुभव की वजह से जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को काफी लाभ मिला।
परवेज रसूल को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनाने में बिशन सिंह बेदी का प्रमुख योगदान रहा है। परवेज की गेंदबाजी में मुख्य रूप से निखार बिशन सिंह बेदी के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ कोच नियुक्त होने के बाद ही आया। बिशन सिंह बेदी सर का जब जेकेसीए के साथ करार खत्म हो गया, इसके बावजूद वह जहां भी रहे हमेशा जम्मू कश्मीर के खिलाड़ियों के हितों और उनकी प्रतिभा के बारे में बातें किया करते थे।
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