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Tarun Chugh Interview: कांग्रेस-नेकां को लेकर क्या सोचते हैं तरुण चुघ? आतंकवाद, आर्टिकल-370 सहित कई मुद्दों पर खास बातचीत

Tarun Chugh Interview भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू कश्मीर के प्रभारी तरुण चुघ से शुक्रवार को दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि आर्टिकल-370 दफन हो चुका है। इसमें पाकिस्तान को हस्तक्षेप नहीं करने देंगे। उन्होंने कांग्रेस और नेकां के गठबंधन पर भी वार्ता की। आइए इंटरव्यू से जुड़ी कुछ खास बातों को विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 21 Sep 2024 01:48 PM (IST)
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Tarun Chugh Interview: जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ के साथ इंटरव्यू

जेएनेन, जम्मू। दस वर्ष के अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव को भाजपा विकास, शांति और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति व खुशहाली है। इससे हताश होकर विपक्षी दल नेशनल कान्फ्रेंस व कांग्रेस एक-दूसरे के सुर में सुर मिलाकर जनविरोधी होने का सुबूत दे रहें।

पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे दोनों राजनीतिक दलों के लिए लोग नहीं अपितु उनकी स्वार्थी व परिवार केंद्रित राजनीति महत्व रखती। चुनाव में बड़ी भूमिका निभा रहे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व जम्मू-कश्मीर के प्रभारी तरुण चुग ने शुक्रवार को साक्षात्कार में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की।

1.पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अनुच्छेद 370 वापस लाने के कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे का समर्थन किया है। इस पर भाजपा का क्या स्टैंड है?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने जो बयान दिया है उससे अब्दुल्ला-गांधी परिवार के मंसूबे साफ हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूरे देश की जनता के सामने ये खानदानी दल बेनकाब हो गए हैं। मोहब्बत की दुकान में देशद्रोह का पकवान बेचने वाले राहुल गांधी गायब हैं।

सीमापार बैठे पाकिस्तानी अब्दुल्ला-गांधी परिवार के समर्थन में खुल कर सामने आ गए हैं। राहुल गांधी कभी देश की सेना से सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं तो कभी उनकी पार्टी चीन से गुप्त समझौते करती है। अनुच्छेद 370 दफन हो चुका है। हम पाकिस्तानी एजेंडा या हस्तक्षेप नहीं चलने देंगे।

2. विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस-नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन से कितनी चुनौती है?

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेकां का गठबंधन एक एक्सपायर्ड इंजेक्शन है। हमारे लिए जम्मू-कश्मीर की शांति सुरक्षा और विकास में बाधा बन रहा हर घटक एक चुनौती हैं। नेकां व कांग्रेस ऐसे ही एक बाधा है जो पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रही है।

3. पार्टी किन मुद्दों पर लोगों के बीच है व कितनी सीटें जीतने में सक्षम है?

जम्मू-कश्मीर की शांति सुरक्षा और विकास के मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच है। यह चुनाव पंडित प्रेम नाथ डोगरा की विरासत व शेख अब्दुल्ला के अलगाववादी खानदान के बीच है। भाजपा का हर कार्यकर्ता दिवंगत श्यामा प्रसाद मुखर्जी व टीका लाल टपलू के बलिदान को याद कर चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित कर रहा है। हमें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार भाजपा की बनेगी, रही बात सीटों की तो यह मीडिया व चुनाव विश्लेषकों का विषय है।

4. टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में रोष पर क्या चुनाव में असर रहेगा?

टिकट मांगना हर कार्यकर्ता का अधिकार है, इसमें रोष जैसी कोई बात नहीं है। हम एक परिवार हैं और परिवार में थोड़े बहुत मनमुटाव होते रहते हैं। भाजपा एक कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। हमारे लिए कार्यकर्ता ही सर्वोपरि है।

5. भाजपा सरकार बनाने के मिशन में कश्मीर को कितना अहम मानती है?

पिछला कोई भी चुनाव देख लीजिए घाटी में सिर्फ नाममात्र का मतदान होता था, लेकिन ये स्थिति बदली है। चाहे जिला विकास परिषद हो, ब्लॉक विकास परिषद, लोकसभा या पहले चरण के 24 सीटों का मतदान हो। हमने देखा कि कितने उत्साह से घाटी की जनता ने भारी मात्रा में लोकतंत्र के महापर्व में अपना योगदान दिया।

हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रहे हैं। शांति की स्थापना आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर को भारत के पर्यटन की राजधानी बनाएगी। जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री कोई खानदान नहीं ईवीएम से जनता तय करेगी।

6. क्या कश्मीर में सहयोगी दलों व निर्दलीयों के लिए कुछ सीटें छोड़ी हैं?

भारत लोकतांत्रिक देश है। हमारा संविधान देश के हर नागरिक को भारत के किसी भी कोने से चुनाव लड़ने का अधिकार देता है। भाजपा जम्मू कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ रही है और हमने किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है।