जम्मू-कश्मीर विधानसभा में डिप्टी स्पीकर पद पर असमंजस, भाजपा ने कहा- नेकां की तरफ से नहीं मिला कोई प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में डिप्टी स्पीकर पद को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं है। सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पद को विपक्ष को देने का अभी कोई कदम नहीं बढ़ाया है और भाजपा को भी इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि नेकां ने अब तक डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को देने की कोई पेशकश नहीं की है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। विधानसभा में डिप्टी स्पीकर को लेकर तस्वीर अभी कुछ भी स्पष्ट होती नजर नहीं आ रही है। अभी असमंजस ही है। सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पद को विपक्ष को देने का अभी कोई कदम नहीं बढ़ाया है तो वहीं भाजपा को इस संबंध में अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने मंगलवार को कहा कि सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस ने अब तक डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को देने की कोई पेशकश नहीं की है।
अनुच्छेद 370 पर कही ये बात
विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव लाने को उन्होंने लोगों को गुमराह करने का प्रयास बताते हुए कहा कि यह अब इतिहास के पन्नों में गुम हो गया है। उच्चतम न्यायालय ने भी इसे समाप्त करने को सही ठहराया है।कश्मीर के लोगों ने भी यह बात स्वीकार कर ली है। नेकां यह कहकर भ्रम फैला रही है कि विधानसभा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने को चुनौती दे सकती है।
युवाओं को गुमराह कर रही नेकां- सुनील शर्मा
श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में सुनील शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की ही परंपरा रही है, लेकिन अभी तक नेकां की ओर से यह पद भाजपा को देने संबंधी कोई अधिकारिक सूचना नही आई है।उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस हालात बिगाड़ने के लिए युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। अतीत में भी यह पार्टी युवाओं को पथराव के लिए उकसाने की राजनीति करती आई है। यह दौर अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही खत्म हो गया। अब भाजपा हालात खराब होने की इजाजत नहीं दे सकती है।
'राज्य के दर्जे की बहाली भाजपा के एजेंडे में'
शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली भाजपा के एजेंडे में है। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री यह विश्वास दिला चुके हैं कि समय आने पर राज्य दर्जा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा, सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट व उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही यह फैसला होगा।जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव को गैर जरूरी करार देते हुए कहा कि ई-गवर्नेंस के दौर में इसकी कोई जरूरत नहीं रह गई है। दरबार मूव जम्मू-कश्मीर पर वित्तीय बोझ का कारण था। विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन को एक बड़ी क्षति बताते देते हुए सुनील शर्मा ले कहा कि उनके लिए गुरु व भाई समान थे।
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