Jammu News: जम्मू-कश्मीर में 1 मार्च से बंद हो जाएंगे बिना जिग-जैग तकनीक वाले ईंट भट्ठे, प्रदूषण को लेकर NGT ने जारी किए नियम
जम्मू-कश्मीर में अब पुराने ईंट भट्ठों में लगाम लगने वाली है। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली मार्च 2024 तक बिना जिग-जैग तकनीक कोई ईंट भट्ठा नहीं चलेगा। प्रदेश में 560 ईंट भट्ठों में से 415 ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र और अनुमति के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा जिला बडगाम में जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 85 ईट भट्ठों को बंद करने का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में फरवरी 2025 तक सभी ईंट भट्ठों में जिग-जैग तकनीक को कार्यान्वित कर दिया जाएगा। श्रीनगर और जम्मू दोनों राजधानी शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे में पहली मार्च 2024 के बाद बिना जिग जैग तकनीक के कोई ईंट भट्ठा नहीं चलेगा। जम्मू-कश्मीर में मौजूदा समय में 560 ईंट भट्ठे हैं।
ईंट भट्ठों मे ईंट पकाने की परम्परागत तकनीक में न सिर्फ कोयले और गैस की ज्यादा खपत होती है बल्कि वायु प्रदूषण भी ज्यादा होता है। जिग जैग तकनीक में ईंधन की खपत कम होती है और प्रदूषण भी कम फैलता है। इसमें ईंटों को पकाने के लिए अलग-अलग चेंबर होते हैं और उनमें ईंटों को सीधे एक कतार में न लगाकर उन्हें जिगजैग आकार में या सीढ़ीनुमा आकार मे लगाया जाता है।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि जिगजैग तकनीक से ईंट तैयार करने की लागत में कमी आती है, जिससे यह ईंट भट्ठा मालिकों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभप्रद है। साथ ही यह कम जोखिमपूर्ण है।ये भी पढ़ें: Jammu News: कठुआ दौरे पर आए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो का उद्घाटन, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
NGT ने पर्यावरण संबंधी नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित के लिए कहा
संबधित अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन को सभी ईंट भट्ठों में पर्यावरण संबंधी नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है। एनजीटी के इसी आदेश पर हुई कार्रवाई के संदर्भ में, जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के रमेश कुमार ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की है। इसके मुताबिक, प्रदेश में 560 ईंट भट्ठों में से 415 ने प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र और अनुमति के लिए आवेदन किया है।
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