Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Kashmir Encounter: बडगाम मुठभेड़ स्थल से जख्मी हालत में फरार हो गए आतंकी; शोपियां में LeT के 3 आतंकी ढेर, SPO शहीद-एक घायल

Kashmir Encounter जम्मू कश्मीर पुलिस सीआरपीएफ और सेना की 53 राष्ट्रीय राइफल्स ने संयुक्त रूप से आतंकियों के तलाश के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। वहीं मुठभेड़ में शहीद एसपीओ अल्ताफ अहमद को पुलिस मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 19 Feb 2021 01:09 PM (IST)
Hero Image
जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ अल्ताफ अहमद शहीद हो गया।

श्रीनगर, जेएनएन। मध्य कश्मीर में जिला बडगाम के बीरवाह इलाके में छिपे आतंकवादी सुरक्षाबलों से बचकर भाग निकलने में सफल रहे हैं। हालांकि आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने दावा किया है कि फरार आतंकियों में एक जख्मी हालत में है और जगह-जगह उसके खून के धब्बे मिले हैं। सुरक्षाबल उनका पीछा कर रहे हैं जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा या फिर मार गिराया जाएगा। इसी मुठभेड़ में सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपीओ अल्ताफ अहमद शहीद जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी मंजूर अहमद घायल हो गए थे।

आइजीपी कश्मीर आतंकियों के फरार होने की पुष्टि करते हुए बताया कि हमें कल रात जानकारी मिली कि एक विदेशी आतंकवादी लश्कर कमांडर यूसुफ अपने एक साथी के साथ बीरवाह में एक घर में छिपा हुआ है। हमने सेना की मदद से अभियान चलाया परंतु मौके का फायदा उठाकर आतंकी फरार होने में सफल रहे लेकिन वह घायल हैं। आतंकियों के तलाश के लिए डॉग स्कवाड की भी मदद ली जा रही है। मुठभेड़ स्थल से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षाकर्मियों को खून के धब्बे मिले हैं।

जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, और सेना की 53 राष्ट्रीय राइफल्स ने संयुक्त रूप से आतंकियों के तलाश के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। वहीं मुठभेड़ में शहीद एसपीओ अल्ताफ अहमद को पुलिस मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आइजीपी कश्मीर विजय कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जिला बडगाम में इंटरनेट सेवा को फिलहाल बंद कर दिया गया है। 

घायल पुलिसकर्मी मंजूर अहमद को उपचार के लिए सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फरार आतंकियों की तलाश जारी है। जल्द ही वे पकड़े जाएंगे या मारे जाएंगे।

वहीं शोपियां बादीगाम में मार गिराए गए लश्कर के तीनों आतंकियों की पहचान की जा रही है। आप को बता दें कि बीते दो सालों के दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पूर्व पांच मई 2018 को बादीगाम में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कुख्यात आतंकी सद्दाम पाडर समेत पांच आतंकियों को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया था। इनमें एक आतंकी कश्मीर विश्वविद्यालय का असिस्टेंट प्राोफेसर डॉ रफी अहमद बट था। वह आतंकी संगठन में सक्रिय होने के एक दिन बाद ही मारा गया था।

शोपियां से मिली सूचनाओं में बताया गया है कि वीरवार की शाम को सूर्यासत के बाद पुलिस को अपने तंत्र से पता चला था कि बादीगाम में स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियाें के एक दल को देखा गया है। पुलिस ने उसी समय सेना की 44 आरआर व सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर बादीगाम में तलाशी अभियान शुरु किया। रात 11.15 बजे के करीब जब सुरक्षाबल गांव में आगे बढ़ रहे थे तो एक मकान में छिपे आतंकियों ने अचानक उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरु हो गई। जवानाें ने आतंकियों की गोली का जवाब देते हुए ही आस-पास के मकानों से करीब एक दर्जन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। आतंकियों के भागने के सभी रास्ते बंद कर उनके ठिकाने को चारों तरफ से घेर लिया।

सुरक्षाबलों ने आतंकियाें की गोलियों की बौछार के बीच ही उनके ठिकाने के आसपास स्थित अन्य मकानाें में फंसे लाेगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया। आतंकियाें को कई बार आत्मसमर्पण के लिए कहा गया, लेकिन वह रुक-रुक कर फायरिंग करते रहे। संबधित अधिकारियाें ने बताया कि आज सुबह चार बजे के करीब फायरिंग और तेज हो गई। सुबह सात बजे के करीब आतंकियां की तरफ से अंतिम गोली चली। इसकेे बाद सुरक्षाबलों ने जब मुठभेड़ स्थल की तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी तीन आतंकियों के शव मिले। इस दाैरान आतंकी ठिकाना भी पूरी तरह तबाह हो गया।

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि बादीगाम शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से दो एसाल्ट राइफलें और एक पिस्ताैल मिला है। कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं। फिलहाल, तीनों आतंकियों की पहचान का पता लगाया जा रहा है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर