Jammu And Kashmir: परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बिक्रम बत्रा आज भी देशभक्ति की जला रहे मशाल
कारगिल युद्ध में असाधारण वीरता दिखाते हुए अपने प्राणों की आहूति देने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बिक्रम बत्रा आज भी देशभक्ति की मशाल जला रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। कारगिल युद्ध में असाधारण वीरता दिखाते हुए अपने प्राणों की आहूति देने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बिक्रम बत्रा आज भी देशभक्ति की मशाल जला रहे हैं। दुश्मन को भी अपनी बहादुरी का कायल करने वाले बिक्रम बत्रा को मंगलवार उनके 21वें शहीदी दिवस पर याद किया गया।
देशवासियों ने सोशल साइटों पर कैप्टन बिक्रम बत्रा और उनके बहादुर साथियों की वीरता को, मैं बिक्रम बत्रा हूं कहकर यकीन दिलाया कि परमवीर चक्र विजेता आज भी उनके दिलों में जिंदा हैं। सोशल साइटों पर सेना की वीडियो में बिक्रम बत्रा के साथ लड़े सेना की उत्तरी कमान के मौजूदा जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी हैं। 21 साल पहले जब बिक्रम बत्रा कारगिल की मुशकोह वैली में प्वायंट 4875 से दुश्मन को खदेड़ रहे थे तो उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी थे।
जनरल जोशी कारगिल युद्ध के समय लेफ्टिनेंट कर्नल थे। चोटी फतेह करते हुए बहादुरी का परिचय देने के लिए जनरल जोशी को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। कारगिल में प्वायंट 5140 जीतने के बाद यह दिल मांगे मोर का नारा देने वाले कैप्टन बिक्रम बत्रा ने 7 जुलाई 1999 को मुशकोह वैली में प्वायंट 4875 पर कब्जा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। भारतीय सेना हर साल अब बत्रा टॉप कहलाने वाले प्वायंट 4875 पर उन शहीदों को श्रद्धांजलि देती है, जो पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब देते शहीद हो गए थे।
शेरशाह के नाम से मशहूर बिक्रम बत्रा के साथ कारगिल की चोटियों पर दुश्मन पर टूट पड़ने वाले अन्य वीरों में 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स के परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार भी शामिल हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र ¨सह ने कैप्टन बिक्रम बत्रा की वीरता को नमन करते हुए सोशल साइट ट्वीटर पर लिखा है कि सिपाही कभी मरता नहीं है। वे सिर्फ अपनी जान देते हैं ताकि बाकी जीते रहें। कैप्टन बिक्रम बत्रा व राइफलमैन संजय कुमार ने असाधारण बहादुरी का परिचय दिया था।