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पाकिस्तान से हथियार मंगवा आतंकियों तक पहुंचाने वाले पांच OGW पर आरोपपत्र दायर, टारगेट किलिंग में करते थे मदद

टीआरएफ के पांच ओजीडब्ल्यू के खिलाफ एनआइए ने शुक्रवार को अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया है। ये आतंकी संगठनों के लिए धन भी जुटा रहे थे। ये जम्मू कश्मीर को देश से अलग करने और स्थानीय युवाओं को देश के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाते थे।

By naveen sharmaEdited By: Vikas AbrolUpdated: Sat, 19 Nov 2022 06:48 AM (IST)
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एनआइए ने इस मामले की जांच 18 जून, 2022 को अपने हाथ में ली थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में आतंकियों के लिए पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार मंगवाने और टारगेट किलिंग के लिए इन्हें आतंकियों तक पहुंचाने में लिप्त द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के पांच ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया है। ये आतंकी संगठनों के लिए धन भी जुटा रहे थे। इतना ही नहीं, ये जम्मू कश्मीर को देश से अलग करने और स्थानीय युवाओं को देश के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाते थे।

इस मामले की शुरुआत श्रीनगर के छन्नपोरा में 22 मई को 15 पिस्तौल, 30 मैगजीन और 300 कारतूसों संग टीआरएफ के दो ओवरग्राउंड वर्कर आमिर मुश्ताक गनई और अदनान अहसान अली के पकड़े जाने के साथ हुई थी। एनआइए ने इस मामले की जांच 18 जून, 2022 को अपने हाथ में ली थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने पुलवामा में भी कुछ संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश दी थी। इसी दौरान जम्मू में पुलिस ने ड्रोन से हथियार मंगवाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और टीआरएफ के माड्यूल के तीन सदस्यों को पकड़ा। यह भी छन्नपोरा में बरामद हथियारों के मामले में शामिल थे। इस माड्यूल में शामिल आशिक हुसैन हज्जाम उर्फ आशिक और गुलाम मोहिउद्दीन डार बड़गाम जिले के हैं। तीसरा ओजीडल्यू फैसल मुनीर जम्मू में खटीकां तालाब का रहने वाला है।

यह पांचों ओजीडब्ल्यू टीआरएफ से जुड़े हैं

एनआइए ने आरोपपत्र में बताया कि यह पांचों ओजीडब्ल्यू टीआरएफ से जुड़े हैं। जांच में कई सुबूत मिले हैं जो जिससे साबित होता है कि ये पांचों पाकिस्तान से ड्रोन व अन्य माध्यमों से हथियार मंगवा रहे थे। यह पाकिस्तान और गुलाम जम्मू कश्मीर में बैठे आतंकी संगठनों के हैंडलरों के साथ लगातार संपर्क में थे। इनके ठिकानों से हथियार व अन्य सामान भी मिला है। इनके मोबाइल फोन और इंटरनेट मीडिया पर इनके अकाउंट की जांच में भी इनकी आतंकी संगठनों के सरगनाओं के साथ बातचीत का भी ब्योरा मिला है। 

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