Chenab Rail Bridge: कश्मीर से कन्याकुमारी जाना हुआ आसान, दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज पर पहली बार दौड़ी ट्रेन; देखिए Video
दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज (Chenab Rail Bridge) पर पहली बार ट्रेन चली है। यह ब्रिज चिनाब नदी के ऊपर बना है जो रियासी रेल लाइन को संगलदान से जोड़ता है। बीते रविवार इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाया गया था। अगले चार से पांच महीनों में रियासी से संगलदान के बीच रेल सफर शुरू होने की संभावना है।
एएनआई, जम्मू। भारतीय रेल ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रेन के परिचालन का सफल ट्रायल किया है। यह पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच बनाया गया है। इस लाइन पर रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होंगी। बीते रविवार इस आर्क ब्रिज पर इलेक्ट्रिक इंजन का सफल ट्रायल भी किया गया था।
रविवार को इलेक्ट्रिक इंजन का हुआ था ट्रायल
#WATCH जम्मू-कश्मीर: भारतीय रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रायल रन किया। यह पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच बनाया गया है। इस लाइन पर रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होंगी। pic.twitter.com/F49ckDTvEx
एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में एक रेल चिनाब आर्क ब्रिज को पार करती नजर आ रही है। भारतीय रेलवे ने रविवार को चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल समेत संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफल ट्रायल किया था। संभावना है कि इस रेल लिंक के साथ यात्रा चार से पांच महीनों में शुरू हो जाए।
संगलदान से रियासी के बीच शुरू होगा रेल सफर
ज्ञात हो कि उधमपुर से कटड़ा तो दूसरी तरफ कश्मीर (बारामूला) से संगलदान (रामबन) तक रेल पहले से ही कनेक्ट है। अब संगलदान से रियासी के बीच 46 किलोमीटर खंड में ट्रेन चलाने की तैयारी है। उसके बाद रियासी से कटड़ा तक 17 किलोमीटर हिस्से का काम इसी साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
संगलदान से रियासी खंड के चालू होने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर के बीच रियासी से वैकल्पिक संपर्क होना। घाटी को कन्याकुमारी से जोड़ने की यह बड़ी उपलब्धि होगी। अधिकारियों ने बताया कि इस रेल लिंक के साथ, घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच यात्रा अगले चार से पांच महीनों शुरू होने की पूर्ण संभावना है।
एफिल टावर से भी ऊंचा है ब्रिज
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में चिनाब नदी के ऊपर बना रेल ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है। 1,315 मीटर लंबा पुल एक व्यापक परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क द्वारा सुलभ बनाना है।
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