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Jammu News: राजौरी-पुंछ में आतंकी हिंसा के पीछे चीन-पाकिस्तान का षड्यंत्र, एलएसी पर भारतीय सेना ने बढ़ाई तैनाती

पुंछ व राजौरी में हालात सामान्य होने के बाद वहां से राष्ट्रीय राइफल्स की कुछ वाहिनियों को उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर तैनात किया गया था। इससे सेना का घुसपैठ रोधी तंत्र मजबूत हुआ है। इसी बीच 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की घुसपैठ को नाकाम बनाने के बाद भारतीय सेना ने वहां भी अपनी तैनाती बढ़ाई है।

By naveen sharma Edited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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राजौरी-पुंछ में आतंकी हिंसा के पीछे चीन-पाकिस्तान का षड्यंत्र

राज्य ब्यूरो, जम्मू। राजौरी और पुंछ जिलों में पिछले तीन वर्ष के दौरान लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियां सिर्फ मरनासन्न आतंकवाद को जिंदा रखने के षड्यंत्र तक ही सीमित नहीं हैं। इसके पीछे पाकिस्तान और चीन का एक बड़ा मंसूबा है।

जम्मू कश्मीर के भीतरी इलाकों में सुरक्षाबलों पर सुनियोजित तरीके से सनसनीखेज हमले कर लोगों में डर व असुरक्षा की भावना पैदा की जा रही है, ताकि हालात पर काबू पाने के लिए भारत को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अलावा उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के कुछ हिस्सों से सेना की तैनाती में कटौती कर भीतरी क्षेत्रों तैनात करना पड़े। इससे चीन और पाकिस्तान दोनों को भारत के खिलाफ सैन्य लाभ होगा।

भारतीय सेना ने पुंछ व राजौरी अपनी तैनाती बढ़ाई है

पुंछ व राजौरी में हालात सामान्य होने के बाद वहां से राष्ट्रीय राइफल्स की कुछ वाहिनियों को उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर तैनात किया गया था। इससे सेना का घुसपैठ रोधी तंत्र मजबूत हुआ है। इसी बीच, 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की घुसपैठ को नाकाम बनाने के बाद भारतीय सेना ने वहां भी अपनी तैनाती बढ़ाई है। वहां भी राजौरी-पुंछ से ही सेना की विभिन्न वाहिनियों को भेजा गया है। इससे चीन को पूर्वी लद्दाख में अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने में नाकामी मिली है।

चीन की नजर लद्दाख पर

जम्मू कश्मीर मामलों के जानकारों के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान कभी नहीं चाहेंगे कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हों और भारत को कश्मीर से आगे कुछ सोचने का समय मिले। उत्तरी कश्मीर में भी आतंकियों की घुसपैठ तभी होगी, जब वहां एलओसी पर भारतीय सेना की तैनाती में कमी हो। यही स्थिति पूर्वी लद्दाख में चीन को चाहिए। भारतीय सेना ने राजौरी-पुंछ में बीते एक वर्ष के दौरान कथित तौर पर अपनी एक ब्रिगेड को पुन: तैनात किया है, लेकिन स्थानीय भौगोलिक व सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यह अभी भी अपर्याप्त है।

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उत्तरी कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ पर काबू पाया गया है

एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी राजौरी-पुंछ में आतंकी हिंसा में पाक-चीन कनेक्शन का संकेत देते हुए कहा कि जबसे उत्तरी कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ पर काबू पाया गया है, पूर्वी लद्दाख में भी भारतीय सेना ने चीन की सेना को मुहंतोड़ जवाब देते हुए एलएसी पर तैनाती बढ़ाई है।

इसी दौरान राजौरी-पुंछ में आतंकी हिंसा में तेजी आई है। इसके अलावा गुलाम जम्मू कश्मीर में चीन का सैन्य हस्तक्षेप भी बीते कुछ समय के दौरान बढ़ा है। चीन ने वहां पाकिस्तान के लिए एंटी मिसाइल प्रणाली स्थापित की है। चीन व पाकिस्तानी सेनाओं ने युद्धाभ्यास भी किया है। चीनी सेना के अधिकारियों ने बीते वर्ष उत्तरी कश्मीर में कुछ पाकिस्तानी चौकियों का दौरा भी किया था।

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