पूर्वी लद्दाख में LAC के पास चीन की गुस्ताखी- एयर स्ट्रिप बनाई, मिसाइल रेजिमेंट की तैनाती, भारत ने जताई आपत्ति
चीन इस साल सैनिकों की बैरकों सड़कों व जवानों की तैनाती के मामले में इस साल कहीं अधिक मजबूत हो गया है। ऐसे में उसने नियंत्रण रेखा के पास हाईवे को और चौड़ा करने के साथ नहीं एयरस्ट्रिप बनाकर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चीन की नीयत सही नहीं है।
By Vikas AbrolEdited By: Updated: Mon, 29 Nov 2021 12:41 PM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण के करीब चीन के अपने बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करने पर गहरी आपत्ति जताई है। सूत्रों के अनुसार, दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हाल ही में क्षेत्र में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान भारतीय सेना ने चीन के नियंत्रण रेखा पर हाईवे प्रोजेक्ट के साथ अपने विमान उतारने के लिए नए एयर स्ट्रिप बनाने की कार्रवाई पर एतराज जताया गया है।
भारतीय सेना के लिए यह चिंता का विषय है कि चीन सेना ने नियंत्रण रेखा के बिल्कुल पास लोगों को बसाने के साथ न सिर्फ सैन्य बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित कर रहा अपितु उसने वहां अपनी कुछ मिसाइल रेजिमेंटें भी तैनात कर दी हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने फाइटर, मालवाहक विमान उतारने के लिए चीन ने पहले से काशगर, गार गुंसा व होटन में हवाई पट्टियां बना रखी हैं।सूत्रों के अनुसार, चीन अपना बुनियादी ढांचा ऐसे इलाकों में बना रहा है यहां पहाड़ियों की ढलान में होने के कारण अमरीका व अन्य देशों के सेटेलाइट की नजर में नहीं आता है। इसके साथ चीन पूर्व नियंत्रण रेखा पर अपने हान सैनिकों के साथ तिब्बत के युवाओं को सेना में भर्ती कर वहां तैनात कर रहा है।
सूत्र बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले चीन इस साल सैनिकों की बैरकों, सड़कों व जवानों की तैनाती के मामले में इस साल कहीं अधिक मजबूत हो गया है। ऐसे में उसने नियंत्रण रेखा के पास हाईवे को और चौड़ा करने के साथ नहीं एयरस्ट्रिप बनाकर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चीन की नीयत सही नहीं है। वह आक्रामक तेवर दिखाने के लिए ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर खुद को लगातार मजबूत कर रहा है। इन हालात में भारतीय सेना के पास भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी बुनियादी ढांचा सशक्त बनाने के अलावा कोई चारा नहीं है। क्षेत्र में भारतीय सेना पहले के मुकाबले अब कई गुना मजबूत हुई है। चीन ने क्षेत्र में अपने कड़े तेवर अपनी समर वार गेम से अपने 50000 सैनिकों को अक्साई चिन इलाके में तैनात कर दिखाए थे। इसके बाद भारतीय सेना की ओर से जवाबी कदम उठाना समय की मांग बन गया।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रित कर रही अपनी कई बटालियनों को हाई आल्टिट्यूड वारफेयर की ट्रेनिंग देकर पूर्वी लद्दाख में तैनात किया था। अब बदले हालात में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना व सुरक्षा बल पहले से अधिक मजबूत होकर सभी इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। इस समय लद्दाख में कड़ी सर्दियों में भारतीय सेना के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के साथ भारतीय वायु सेना के मजबूत बनने की मुहिम जारी है। वायुसेना इस समय बड़े पैमाने पर एयरलिफ्ट अभियान चलाकर क्षेत्र में सर्दियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए कार्रवाई कर रही है।
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