बीजेपी विधायक देवेंद्र राणा के निधन पर भावुक हुए CM उमर अब्दुल्ला, पुराने Photos साझा कर बयां किया दर्द
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने पुराने मित्र और पूर्व सहयोगी देवेंद्र सिंह राणा (Devendra Singh Rana Passed Away) के निधन पर शोक व्यक्त किया। राजनीतिक मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए अब्दुल्ला राणा के परिवार के साथ खड़े दिखे। राणा नेशनल कॉन्फ्रेंस को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनके निधन से जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक परिदृश्य शोक में है।
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने पुराने मित्र और पूर्व सहयोगी देवेंद्र सिंह राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने इस बीच राजनीतिक मतभेदों को पीछे रखा। राणा के निधन की खबर के बाद अब्दुल्ला शुक्रवार को जम्मू पहुंचे और इस कठिन समय में राणा के परिवार के साथ खड़े नजर आए।
सीएम ने एक्स पर की भावभीनी यादें साझा
जम्मू जाने से पहले अब्दुल्ला ने अपने निजी एक्स अकाउंट पर राणा की भावभीनी यादें साझा करते हुए कहा कि कल देर रात की भयानक खबर वास्तव में समझ में नहीं आ रही है। उन्होंने लिखा कि मुझे पता है कि पिछले कुछ साल हमारे मतभेदों से भरे रहे हैं। लेकिन मैं उन मजेदार पलों पर को याद करता हूं जो हमने साथ में बिताए और जो बेहतरीन काम हमने साथ में किए।
उन्होंने आगे कहा कि आप हमें बहुत जल्दी छोड़ कर चले गए। आपकी कमी हमेशा खलेगी। आपकी आत्मा को शांति मिले। मैं आपके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं खोज पा रहा हूं।The terrible news from late last night isn’t really sinking in. I know the last few years have been marked by our differences Devender but I prefer to focus on the fun times we shared together, the excellent work we did together & the memories. You have been taken from us all too… pic.twitter.com/QoANZOyS3B
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 1, 2024
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उमर अब्दुल्ला ने सभी कार्यक्रम किए रद
राणा के निधन के बाद अब्दुल्ला ने अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए और दुख की इस घड़ी में राणा की पत्नी, दो बेटियों और बेटे के साथ खड़े नजर आएं।59 वर्षीय राणा 2021 में अलग होने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले जम्मू क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। राणा ने साल 2002 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला के लिए चुनाव अभियान भी किया था।उस समय चुनावों में हार का सामना करने के बावजूद, राणा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ बने रहने का फैसला किया था और कहा था कि अगर वह (उमर) जीतते तो वे खुशी-खुशी अपने व्यवसाय में लग जाते। लेकिन अब जब वे हार गए हैं, तो वे तब तक यहीं रहना पसंद करेंगे जब तक वे विजयी नहीं हो जाते।
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