Ayushman Bharat scheme: आयुष्मान भारत योजना में 500 से 700 करोड़ के घोटाले की शिकायत, अब होगी जांच
आयुष्मान भारत योजना से जुड़े मामले में शिकायत एडवोकेट शेख शकील की ओर से दायर की गई है। शेख शकील के अनुसार उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से स्टेट हेल्थ एजेंसी व स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से योजना संबंधी जानकारियां मांगी थी। उन्हें जो जानकारियां मिली उससे योजना को लागू करने में 500 से 700 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात सामने आई है।
जम्मू, जेएनएफ: जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करने में 500 से 700 करोड़ रुपये के घोटाले की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष न्यायालय (जम्मू) में शिकायत की गई है। बुधवार को इस मामले में हुई सुनवाई में विशेष न्यायालय ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को इस संबंध में अब तक हुई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट 30 सितंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान एसीबी को 26 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन एसीबी की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई। इसपर न्यायालय ने अतिरिक्त समय प्रदान कर दिया है।
आरटीआइ के माध्यम से मांगी थी जानकारी
यह शिकायत एडवोकेट शेख शकील की ओर से दायर की गई है। शेख शकील के अनुसार, उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से स्टेट हेल्थ एजेंसी व स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से योजना संबंधी जानकारियां मांगी थी। उन्हें जो जानकारियां मिली, उससे योजना को लागू करने में 500 से 700 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात सामने आई है।
शेख शकील की ओर से दायर शिकायत के अनुसार, प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत 25 दिसंबर 2000 को लाभार्थियों का बीमा करने के लिए बजाज एलायंज के साथ तीन साल के लिए समझौता किया। समझौते के अनुसार कंपनी एक साल से पहले अनुबंध समाप्त नहीं कर सकती थी। अगर प्रदेश सरकार प्रीमियम समय पर न दे तो इसी सूरत में ही कंपनी अनुबंध से पीछे हट सकती थी, लेकिन सरकार नियमित रूप से प्रीमियम दे रही थी। इसके बावजूद सितंबर 2021 को कंपनी ने सरकार को नोटिस जारी किया और बीमा योजना जारी रखने में असमर्थता जताई।
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सरकारी खजाने को हुआ नुकसान
एडवोकेट शेख शकील के अनुसार, कंपनी को अनुबंध के तहत न्यूनतम एक साल तक बीमा लाभ देना था, लेकिन सरकार ने उस पर दबाव बनाने के बजाय नवंबर 2000 में नए टेंडर निकाले और इफको टोकियो का टेंडर मंजूर किया। स्टेट हेल्थ एजेंसी ने बजाज एलायंज के साथ हुए अनुबंध को दरकिनार करते हुए कंपनी की मांग के अनुसार उसके कथित नुकसान की भरपाई की। कंपनी की भरपाई करने पर हालांकि प्रदेश वित्त व विधि विभाग ने आपत्ति भी जाहिर की थी। बावजूद इसके कंपनी को 500 से 700 करोड़ रुपये का भुगतान करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
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पहले सीबीआइ को भी भेजी गई थी शिकायत
एडवोकेट शेख शकील ने 10 अक्टूबर, 2022 को डायरेक्टर सीबीआइ को शिकायत भेजते हुए इस मामले में एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी। उनके अनुसार सीबीआइ ने जब इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने सात फरवरी, 2023 को भ्रष्टाचार निरोधक विशेष न्यायालय में शिकायत दर्ज करवाते हुए सीबीआइ को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की। कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने बताया कि यह शिकायत 10 अक्टूबर 2022 को जम्मू-कश्मीर के एंटी करप्शन ब्यूरो को भेज दी गई थी।
एडवोकेट शेख शकील ने गत दिनों कोर्ट में ताजा आवेदन दायर करते हुए कहा कि सीबीआइ उनकी शिकायत एसीबी को भेज चुका है, लेकिन इसको भी कई महीने बीत चुके हैं। एसीबी ने अभी तक इस शिकायत में हुई कार्रवाई की जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी का दायित्व है कि वह एक सप्ताह के भीतर शिकायतकर्ता को जानकारी दे। इस पर कोर्ट ने एसीबी को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।