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कांग्रेस ने विधायक दल के नेता चुनने का अधिकार हाईकमान को सौंपा, मंत्रिमंडल को लेकर भी कही ये बात

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन का फैसला अब पार्टी हाईकमान करेगा। श्रीनगर में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि नेकां के साथ कोई मांग या शर्त नहीं रखी गई है। औपचारिक तौर पर इस पर कोई बात नहीं हुई है।

By satnam singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 12 Oct 2024 10:54 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार हाईकमान को

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कांग्रेस विधायक दल के नेता चुनने का अख्तियार अब पार्टी हाईकमान को दे दिया है। इसका फैसला कांग्रेस विधायक दल की शुक्रवार को श्रीनगर में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता तारिक हमीद कर्रा ने की।

कर्रा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता चुनने के लिए हाईकमान को अधिकृत कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमने प्रस्ताव पारित कर दिया है जिसे हाईकमान को भेजा जा रहा है। शाम को समर्थन पत्र उमर अब्दुल्ला को सौंप दिया गया। दूसरा प्रस्ताव नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का पारित किया है।

कांग्रेस ने नेकां को भेजा समर्थन का प्रस्ताव

तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि दो प्रस्तावों के दस्तावेज तैयार किए गए है। एक दिल्ली को भेजा जा रहा है तो दूसरा नेकां को श्रीनगर में दे दिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है तो आप देरी क्यों कर रहे है। कर्रा ने कहा कि हर एक का अपना तरीका होता है। मैं आज दिल्ली से आ रहा हूं। हमने यह फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है।

कांग्रेस ने नेकां से कोई मांग नहीं की- तारिक हमीद कर्रा

उन्होंने साफ किया कि नेकां के साथ हमने कोई मांग नहीं की है। कोई शर्त नहीं रखी गई है। औपचारिक तौर पर इस पर कोई बात नहीं हुई है। आइएनडीआईए गठबंधन एक बडे मकसद के लिए किया है, जम्मू कश्मीर के लोगों की बेहतरी के लिए नेकां को समर्थन दे रहा हैं। हमने कोई मांग नहीं की है। समर्थन के दस्तावेज में कोई मांग नहीं है। जब सुशासन का मॉडल तैयार होगा, उसके बाद औपचारिक बातचीत होगी, तो फैसला होगा।

नंबर गेम को लेकर कर्रा ने कही ये बात

कर्रा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने भी कहा था कि नेकां के साथ जब औपचारिक बैठक होगी, तब फैसला होगा। हमने विधायक दल का नेता चुनने के लिए कोई देरी नहीं की है, यह कोई एक सामान्य काम है। मैं दिल्ली से आया हुं, कुछ टाला नहीं जा रहा है।

जब उनसे पूछा गया कि नेकां को निर्दलीय उम्मीदवारों ने समर्थन दे दिया है तो ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस की उनको जरूरत नहीं रह गई तो इसके जवाब में कर्रा ने कहा कि नंबर गेम से ज्यादा अहम आइएडीआईए का राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन है। यह सिर्फ जम्मू कश्मीर के लिए नहीं है, यह पूरे इंडिया में है, हमने आइएनडीआईए गठबंधन को बरकरार रखा है।

हमारी लड़ाई भाजपा से है- कर्रा

उन्होंने कहा कि यह मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का मामला नहीं है, हमारी लड़ाई भाजपा से है, अगर मुल्क को बचाना है तो पार्टी की एकजुटता जरूरी है। नंबर को लेकर बहुत ऊंची बात हैं। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी कोई मांग या शर्त नहीं है, जब सुशासन मॉडल पर बातचीत होगी तब औपचारिक बात होगी। नेकां के साथ अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।

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