नेकां के लिए असहज स्थिति पैदा कर रही कांग्रेस, LG की बैठक के बहाने गठबंधन सहयोगी को ही निशाने पर लिया
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विधानसभा में पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 का जिक्र न होने को लेकर कांग्रेस ने अब उपराज्यपाल की बैठक को लेकर नेकां पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सत्ता के दो केंद्र बन रहे हैं और यह राष्ट्रहित में नहीं है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। कांग्रेस ने अपने ही गठबंधन सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए असहज स्थिति पैदा करनी शुरू कर दी है। विधानसभा में पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 का जिक्र न होने को कुरेदने वाली कांग्रेस ने अब उपराज्यपाल की सुरक्षा हालात व विकास परियोजनाओं पर बुलाई गई बैठक के बहाने नेकां को निशाने पर लिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में सत्ता के दो केंद्र बन रहे हैं और यह राष्ट्र हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कोई भी कांग्रेस की विचारधारा को मार नहीं सकता।
एलजी में बैठक में सीएम को नहीं बुलाया गया
बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को उपायुक्तों, एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों की बैठक ली है। इसमें उन्होंने सुरक्षा हालात और विकास प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की है। इस बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को नहीं बुलाया गया था।इस पर नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने सिर्फ इतना कहा कि हमें अभी सरकार में आए एक महीना ही हुआ है। घबराने की जरूरत नहीं है, समय पर सब कुछ होगा। उनके बयान से लगता है कि नेकां इस मुद्दे को तूल देने के मूड में नहीं है और वह केंद्र के समन्वय से सरकार चलाना चाहती है।
यह भी जानना जरूरी है कि कांग्रेस मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं है और बाहर से ही नेकां को समर्थन दे रही है। उधर, अनुच्छेद 370 से पूरी तरह से किनारा करने पर पीडीपी ने भी नेकां को घेरा है। इसपर फारूक ने कहा कि महबूबा को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।
सत्ता के दो केंद्र राष्ट्रहित में नहीं है- कर्रा
इधर, उपराज्यपाल की बैठक को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कर्रा पर्दे के पीछे से नेकां को निशाने पर लेते नजर आए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय पंडित मंगतराम शर्मा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे कर्रा ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि जम्मू कश्मीर में सत्ता के दो केंद्र राष्ट्रहित में नहीं है। एक तरफ उपराज्यपाल सुरक्षा हालात का जायजा ले रहे हैं तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों अलग फैसले लेते हैं तो अलग दिशा में ले जाएंगे। उपराज्यपाल को स्वीकार करना चाहिए कि सही मायनों में चुनी हुई सरकार बन चुकी है। तथ्य यही है और इसी अनुसार काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी से विशेषकर उपराज्यपाल से आग्रह करते हैं कि वह समग्र और समावेशी रुख अपनाएं अन्यथा ऐसी बैठकों का लाभ नहीं होगा।यह भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला ने क्यों की राष्ट्रीय राजधानी को कहीं और शिफ्ट करने की मांग? बोले- 370 को लेकर हमारा एजेंडा स्पष्ट
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