जम्मू कश्मीर में सियासी हाशिये पर खड़ी कांग्रेस ढूंढ़ रही अपना रोडमैप, विधानसभा चुनाव के लिए बना रही ये प्लान
जम्मू कश्मीर में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भारतीय जनता पार्टी जहां कई बैठके कर चुकी है वहीं कांग्रेस पार्टी अभी तक अपना रोडमैप भी तैयार नहीं कर पाई है। हालांकि कांग्रेस को राहत बस इस बात से कि उसका वोट प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव में बढ़ा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार हार का मुंह देख चुकी कांग्रेस के लिए अब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में चुनौतियों की कमी नहीं हैं। कांग्रेस का आधार लगातार कश्मीर में कमजोर होता जा रहा है। हालत यह हो गई है कि कश्मीर में चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी कतरा रही है।
जम्मू संभाग में भी स्थिति मजबूत नहीं है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में जम्मू संभाग की दो सीटों पर चुनाव हार चुकी कांग्रेस इसलिए राहत महसूस कर रही है कि उसका वोट प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव साल 2019 के मुकाबले करीब दस प्रतिशत बढ़ा है।
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी एक्टिव
विधानसभा चुनाव के सितंबर माह में करवाए जाने की संभावना के बीच राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा की कई बैठकें हो चुकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दौरा कर चुके है। वहीं कांग्रेस की पिछले दिनों पार्टी हाईकमान के साथ प्रदेश के करीब बीस नेताओं की बैठक हुई थी जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई।
इसमें प्रदेश के नेताओं को अनुशासन में रहकर एकजुट होकर तैयारियों करने के लिए कहा गया। हालांकि इससे पहले प्रदेश स्तर पर लोकसभा चुनाव के परिणाम पर मंथन किया गया था। इस पर बैठक प्रदेश प्रधान विकार रसूल ने की थी।
इस बैठक में वोट प्रतिशत बढ़ने पर राहत महसूस करते हुए विधानसभा चुनाव के लिए जी जान से जुट जाने के लिए कहा गया। इस पर जोर दिया गया कि जिन सीटों पर हम थोड़े वोटों से हारे हैं। वहां पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कांग्रेस का अभी तक रोडमैप ही तैयार नहीं
कांग्रेस का विधानसभा चुनाव के लिए पूरे प्रदेश के लिए रोडमैप अभी तक तैयार नहीं है। कैडर की कमी है। जमीनी सतह पर पार्टी का आधार मजबूत नजर नहीं आता।
लोकसभा चुनाव बीत जाने के बाद अभी तक कोई कार्यक्रम, रैली नहीं हुई है। पार्टी गतिविधियों को तेजी देने के लिए बैठकें भी नहीं हो रही है। अलबत्ता कुछ नेता अपने अपने संभावित विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे है।
2014 के चुनाव में कांग्रेस को मिली थी 12 सीटें
लोकसभा चुनाव में जम्मू-रियासी संसदीय सीट व ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट पर 36 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें सात सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली है। आठ में पार्टी ने भाजपा को टक्कर दी है हालांकि एक हजार से लेकर आठ हजार वोटों के अंतराल से हारी है। जम्मू कश्मीर में साल 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 12 सीटें मिली थी।
इसमें जम्मू संभाग में पांच, कश्मीर संभाग में चार व लद्दाख में तीन सीटें मिली थी। अब लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन के बाद विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं।
करीब दस के अंतराल के बाद होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस चुनाव से पहले गठबंधन करेगी या बाद, अभी तक फैसला नहीं है। यह तय है कि उसका गठबंधन नेशनल कांफ्रेंस के साथ ही होगा।
नेकां के साथ सरकार बनाने का सपना देख रही कांग्रेस
इस बार कांग्रेस का सपना नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर सरकार बनाने का है। इस समय पार्टी के कुछ नेता अपने अपने हिसाब से सीट मिलने की संभावना के तहत संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में काम कर रहे है।
इनमें बिश्नाह में नीरज कुंदन, जम्मू नार्थ से उदय चिब, सुंदरबनी-कालाकोट से रविंद्र शर्मा, जम्मू दक्षिण-आरएसपुरा व बाहू से रमन भल्ला, बनिहाल में विकार रसूल आदि शामिल हैं।
पार्टी प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कही ये बात
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ उप प्रधान रविंद्र शर्मा का कहना है कि हमारा गठजोड़ चुनाव से पहले या बाद में कभी भी हो सकता है। चूंकि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई तो इस पर कोई बात नहीं हुई है। अलबत्ता हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। हमारी स्थिति में लगातार सुधार हुआ है। उन्होंने दावा किया कि हम नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाएंगे।
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कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है- विकार रसूल
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल का कहना है कि कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है। कश्मीर में हमारा आधार कमजोर नहीं हो रहा है। लोकसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने हमारा जम्मू में समर्थन किया था और कश्मीर में हमने नेकां का समर्थन किया था।
चुनाव के लिए कार्यकर्ता तैयार हैं। हमने राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को जम्मू में आने का निमंत्रण दिया है। जल्द ही वे आएंगे। जनहित के मुद्दों को उठाने के अलावा हम मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को लोगों के बीच उजागर कर रहे हैं।
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