जवाहर सुरंग में दरारें, रोका गया ट्रैफिक; वाहनों की लगीं कतारें
जवाहर सुरंग वर्ष 1950 बननी शुरू हुई थी और इसे 1956 में अाम वाहनों की आवाजाही के लिए खोला गया था।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Tue, 10 Jul 2018 05:48 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीरपंजाल की पहाड़ी में स्थित सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जवाहर सुरंग की एक ट्यूब को दरारों के चलते बंद कर दिया गया है। फिलहाल, मुरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है और एक ही ट्यूब से वाहनों की आवाजाही को बहाल किया गया है।
जवाहर सुरंग ही सड़क के रास्ते कश्मीर घाटी को जम्मू संभाग के साथ जोड़ने का मुख्य जरिया है। यह सुरंग वर्ष 1950 बननी शुरू हुई थी और इसे 1956 में अाम वाहनों की आवाजाही के लिए खोला गया था। इसमें दो ट्यूब हैं, एक ट्यूब वादी में दाखिल होने वाले वाहनों के लिए है और दूसरी कश्मीर घाटी से बाहर जम्मू की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए।संबधित अधिकारियों ने बताया कि जवाहर सुरंग में रोशनी और हवा के आवागमन के अलावा आपात स्थितियों से निपटने के लिए जो जगह बनाई गई है, वहां से भारी भरकम चट्टाने गिरी हैं। इससे सुरंग की दक्षिणी ट्यूब में कई जगह दरारें आ गई हैं और वह वाहनों के आवागमन के लिए असुरक्षित हो गई है। इसलिए उसे वाहनों के आवागमन के लिए बंद करते हुए उसकी मुरम्मत शुरू की गई है। बीआरआे के इंजीनियर व श्रमिक अपने साजो सामान के साथ मुरम्मत कार्य में लगे हुए हैं,लेकिन इस कार्य को पूरा करने में समय लग सकता है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल एक ही ट्यूब से वाहनों को बारी-बारी आने जाने दिया जा रहा है।जवाहर सुरंग की एक ट्यूब के बंद होने के बाद पीरपंजाल के दक्षिण में बनिहाल और नौगाम के बीच ही नहीं काजीगुंड और जवाहर सुरंग के बीच भी वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई हैं। यातायात पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि वह श्रीनगर से जम्मू के लिए या जम्मू से श्रीनगर रवाना होने से पूर्व सड़क की स्थिति का जरूर पता करें और उसके बाद ही अपनी यात्रा शुरू करें।
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