Cyber Crime: शॉपिंग ऐप मीशो का फर्जी कूपन भेज साइबर ठग लोगों से कर रहे धोखाधड़ी, जम्मू पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
जम्मू-कश्मीर में साइबर ठगों Cyber Crime ने अब शॉपिंग ऐप मीशो के नाम से फर्जी कूपन भेजकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। जम्मू पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधान रहने को कहा है। साइबर ठग लोगों को कार और महंगी वस्तुएं गिफ्ट में देने का झांसा दे रहे हैं। कूपन पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही फोन हैक हो जाता है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन खरीदारी के दौरान धोखाधड़ी के नए तरह के मामले सामने आने पर लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। जारी एडवाइजरी के अनुसार कुछ लोगों को साइबर ठगों ने शापिंग ऐप मीशो के फर्जी कूपन भेजे।
इसमें उन्हें कार व कई महंगी वस्तुएं दिए जाने की बात की जा रही है। एडवाइजरी के मुताबिक साइबर ठग पहले लोगों के फोन पर कूपन भेज रहे हैं और लिफाफे को स्क्रेच करने को कह रहे हैं। कूपन ऑनलाइन खरीदारी करने वाली एप्लीकेशन के नाम से भेजा जा रहा है।
इस तरह फोन हैक करते हैं साइबर ठग
जैसे ही व्यक्ति फर्जी कूपन के एनवेलप को स्क्रेच करता है तो बताया जाता है कि उसकी कार या कीमती सामान तोहफे के तौर पर इस कूपन में निकला है और तोहफे हासिल करने को कपून पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर लें। लोग ठगों के झांसे में आ जाते हैं और क्यूआर कोड को जैसे ही स्कैन किया जाता है, तो उसका फोन हैक हो जाता है।
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साइबर ठग वहीं से व्यक्ति के फोन से जरूरी दस्तावेज वह अन्य जानकारियां हासिल कर लेते हैं। इसके अलावा लोगों को ऑनलाइन निवेश के नाम पर भी ठगा जा रहा है। फोन के जरिए उसकी सभी व्यक्तिगत जानकारी को हासिल कर लेते हैं।
साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी
वहीं, साइबर सेल द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों को ऑनलाइन ठगों से बचाव के तरीके भी बताए हैं जिसमें उन्हें कहा गया है कि वह इस प्रकार किसी भी कपून को स्वीकार ना करें।
अज्ञात क्यूआर कोड स्कैन ना करें। वित्तीय लाभ के चक्कर में अपना नुकसान न करवाएं। किसी को अपने व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड, पिनकोड की जानकारी ना दें। साइबर ठगी होने पर तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन या फोन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकते हैं।
साइबर ठगी से बचने के तरीके
- किसी भी अज्ञात कूपन को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
- कभी भी अज्ञात क्यूआर कोड स्कैन न करें।
- किसी भी तरह के वित्तीय लाभ के चक्कर में न पड़े। अपना नुकसान न करवाएं।
- किसी से भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड और पिनकोड से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा न करें।
- साइबर ठगी होने के तुरंत बाद साइबर पुलिस स्टेशन या 1930 पर संपर्क जरूर करें।
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