'चीन की सोच बदल रही...वह तिब्बत के मुद्दे पर करना चाहता है बात', लेह दौरे के दौरान बोले दलाई लामा
डेढ़ माह के प्रवास पर लेह पहुंचे बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि चीन की सोच में बदलाव आ रहा है। लद्दाख आने से पहले बौद्ध धर्मगुरु ने यह भी कहा था कि तिब्बत के मुद्दे पर चीन उनसे बातचीत करने का इच्छुक है। लेह पहुंचने पर उनके स्वागत में एयरपोर्ट से जिवेत्साल तक रैली भी निकाली गई।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 12 Jul 2023 07:47 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। डेढ़ माह के प्रवास पर लेह पहुंचे बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने मंगलवार को कहा कि चीन की सोच में बदलाव आ रहा है। अब चीन पहले जैसा नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन वह तिब्बत की राजधानी ल्हासा जरूर जाएंगे।
लेह पहुंचने पर उनके स्वागत में एयरपोर्ट से जिवेत्साल तक रैली निकाली गई। उनके दर्शन के लिए सड़कों के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग कतारों में खड़े रहे। पारंपरिक परिधान पहनकर पहुंचे लद्दाखी कलाकारों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
तिब्बत के मुद्दे पर चीन बातचीत करने का इच्छुक
जिवेत्साल में उन्होंने गणमान्य लोगों की सभा में कहा कि लद्दाख के लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। मुझे लद्दाख आना अच्छा लगता है, यहां का मौसम मुझे अच्छा लगता है। अपने 88 साल के होने का जिक्र करते हुए दलाई लामा ने हंसते हुए कहा कि वह 110 साल तक जीएंगे।दलाई लामा का लद्दाख प्रवास चीन को हमेशा अखरता रहा है। लद्दाख आने से पहले बौद्ध धर्मगुरु ने यह भी कहा था कि तिब्बत के मुद्दे पर चीन उनसे बातचीत करने का इच्छुक है। वहीं, दलाई लामा और अमेरिकी उप सचिव एवं तिब्बत मामलों की विशेष समन्वयक उजरा जेया के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक पर भी चीन ने सोमवार आपत्ति जताई थी।
स्वायत्तता की मांग कर रहे दलाई लामा
चीन ने कहा था कि तिब्बत उसका आंतरिक मामला है, जिसमें बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है। दलाई लामा ने गत वर्ष लद्दाख प्रवास के दौरान यह भी स्पष्ट किया था कि हम चीन से आजाद नहीं, सिर्फ स्वायत्तता मांग रहे हैं। दलाई लामा जिवेत्साल स्थित अपने आवास में करीब एक सप्ताह विश्राम करेंगे।इस दौरान वह किसी से नहीं मिलेंगे। इसके बाद जिले में चोकम बिहार के दौरे के साथ उनके धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वह सुरू घाटी के रंगदुम मठ में भी जाएंगे।
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