जम्मू कश्मीर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर, कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग; लोगों तक पहुंच रहे नेता
Municipal elections in Jammu and Kashmir जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव की तैयारियां इस समय जोरों पर हैं। चुनाव कब होने है इसकी अभी अधिकारिक तिथि की घोषणा तो नहीं की है लेकिन चुनाव में ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लोगों तक पहुंचकर अपनी पहुंच बनानी शुरू कर दी है।
By surinder rainaEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Fri, 15 Sep 2023 12:35 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता।Municipal elections in Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव की तैयारियां इस समय जोरों पर हैं। चुनाव कब होने है, इसकी अभी अधिकारिक तिथि की घोषणा तो नहीं की है लेकिन चुनाव में ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं।
कर्मचारियों को यहां दिया जाएगा प्रशिक्षण
जम्मू नगर निगम व अन्य म्युनिसिपल कमेटी के चुनावों के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षण टीचर्स भवन गांधी नगर में दिया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर जम्मू ने इस संदर्भ में एक आदेश जारी कर शनिवार को इस प्रशिक्षण में शामिल होने वाले कर्मियों को निर्देश दिए हैं।
चुनाव कराने के लिए हर आवश्यक चीज की दी जाएगी ट्रेनिंग
दो शिफ्ट में होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जम्मू जिले के विभिन्न तहसीलों के तहसीलदार, खंडों के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर, नायब तहसीलदार शामिल होंगे। इन अधिकारियों को कर्मियों को चुनाव की प्रक्रिया के अलावा उन्हें वाेटिंग मशीन यानि इवीएम संबंधी जानकारी भी दी जाएगी।
लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने में जुटे कार्यकर्ता
इस प्रशिक्षण का पहला सत्र सुबह दस बजे शुरू होगा, जबिक दूसरे सत्र की शुरुआत दोपहर दो बजे होगी। उधर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच अब स्थानीय नेता व कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए हैं। अपने अपने क्षेत्र व वार्डों में इन नेताओं ने लोगों के साथ संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है और अपने समर्थकों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी है। उधर जो वार्ड आरक्षित किए गए हैं, वहां कुछ नेताओं के बीच असंतोष भी पनप रहा है।वॉर्ड आरक्षित होने से खत्म हो रही नेताओं की उम्मीदें
सामान्य वर्ग के अधिकतर नेता जो पिछले लंबे समय से चुनाव की प्रतिक्षा कर रहे थे, उन्हें चिंता सताने लगी है। उन नेताओं का कहना है कि उन्होंने लोगों के लिए काम किया है और वे चुनाव लड़कर अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, लेकिन उनके वॉर्ड आरक्षित किए जाने से उनकी उम्मीद खत्म हो रही है।
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