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Amarnath Yatra: श्रद्धालुओं की संख्या में आई गिरावट, एनओसी लेकर लौटे 59 लंगर; अब तक 4.76 लाख श्रद्धालु कर चुके दर्शन

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसी के चलते अब 59 लंगर एनओसी लेकर वापस लौटने लगे हैं। हालांकि अब तक 476438 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के दर्शन कर चुके हैं। वहीं यात्रा के लिए 1654 श्रद्धालुओं का 34वां जत्था बुधवार सुबह पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुआ है।

By satnam singh Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 31 Jul 2024 09:58 PM (IST)
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अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में आई गिरावट (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। एक महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आने के बाद लंगर भी कम होने लगे हैं। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड से एनओसी हासिल करने के बाद 59 लंगर वालों ने बुधवार से लौटना शुरू कर दिया है। सामान बांधकर नीचे आधार शिविर में पहुंचाया जा रहा है। वहां से आगे ट्रकों में लाद कर सामान अपने अपने राज्यों में जाएंगे।

श्रद्धालुओं की संख्या कम होने पर लंगर कम हो जाते हैं- राजन गुप्ता

कुछ लंगर वालों ने पहलगाम व बालटाल के करीब ही गोदाम भी लिए हैं, जिनमें वे शेड आदि का सामान रख देते है। बाबा बर्फानी लंगर ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान राजन गुप्ता ने कहा कि यात्रा सुचारु चल रही है। श्रद्धालुओं की संख्या जब कम होती जाती है तो चरणबद्ध तरीके से लंगर कम होते जाते है। ऐसा हर साल किया जाता है लेकिन इतने पर्याप्त लंगर अंत तक रखे जाते है जिसमें श्रद्धालुओं को किसी किस्म की परेशानी पेश न आए।

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1654 श्रद्धालुओं का 34वां जत्था रवाना

यात्रा के लिए 1654 श्रद्धालुओं का 34वां जत्था बुधवार सुबह पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना हुआ। बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुए 456 श्रद्धालुओं में 306 पुरुष, 148 महिलाएं, 2 बच्चे शामिल थे। पहलगाम रूट के लिए रवाना हुए 1198 श्रद्धालुओं में 886 पुरुष, 240 महिलाएं, 2 बच्चे और 70 साधु शामिल थे। ज बुधवार को 5086 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए।

एक सप्ताह में पार हो जाएगी पांच लाख श्रद्धालुओं की संख्या

इनमें 2874 पुरुष, 1239 महिलाएं, 84 बच्चे, 85 साधु और 804 अन्य लोग शामिल थे। इसके साथ ही अब तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 476438 पहुंच गई है। यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी जो 52 दिन चलकर 19 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी। एक सप्ताह में यात्रा पांच लाख की संख्या को पार कर जाएगी। मौसम की मेहरबानी ने अब तक यात्रा को सुचारु बनाया है।

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