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'सजग रहकर करें कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म कर देगी सेना' राजौरी में राजनाथ सिंह ने बढ़ाया सेना का मनोबल

Rajnath Singh Visit पुंछ में आतंकी हमले में चार जवानों के बलिदान होने व उसके अगले दिन तीन ग्रामीणों के संदिग्ध हालत में शव मिलने के बाद हालात का जायजा लेने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को राजौरी पहुंचे। उनके साथ उपराज्यपाल और सेवा प्रमुख भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 27 Dec 2023 02:13 PM (IST)
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Rajnath singh Visit Rajouri Poonch: हालात की समीक्षा के लिए जम्मू पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारतीय सेना जम्मू कश्मीर से आतंकवाद का सफाया कर देगी। इसके साथ ही हमें और सजग रहने की भी जरूरत है। उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि देश की रक्षा करने के साथ-साथ देशवासियों का दिल जीतना भी सैनिकों की जिम्मेदारी है। ऐसी कोई चूक नहीं होनी चाहिए, जिससे कोई भारतवासी आहत हो। उन्होंने सैनिकों से कहा कि हम युद्ध भी जीतेंगे और आतंकियों का सफाया भी करेंगे।

पुंछ में आतंकी हमले में चार जवानों के बलिदान होने व तीन ग्रामीणों की मौत के बाद राजौरी पहुंचे रक्षा मंत्री ने सुरक्षा हालात की समीक्षा भी की।राजौरी में बुधवार को सेना के 25 डिवीजन मुख्यालय में सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, जब एक भी सैनिक बलिदान होता है तो हम सो नहीं पाते हैं। यह दुखद है कि हमारे चार सैनिक बलिदान हुए। इस घटना के बाद हम आश्वस्त करते हैं कि इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। आप पर कोई नजर डाले, यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सैनिक के बलिदान होने की क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता है। मैं आप सभी से एक विशेष अनुरोध भी करना चाहता हूं कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी निभाते हुए आपके कंधों पर अपने देशवासियों का दिल जीतने की भी बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि सुरक्षाबल इस दिशा में प्रयास करते हैं और कभी-कभी गलतियां भी हो सकती हैं, प्रयास ऐसी गलतियों से बचने का होना चाहिए।रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सेवा करते समय अपने आप को लोगों से जोड़े रखें और उनका विश्वास जीतें। सैनिकों को समय-समय पर लोगों से मिलना चाहिए और उनका हालचाल पूछना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य युद्ध जीतना और आतंकवाद को खत्म करना है। उन्होंने सैनिकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि देश को पूरा विश्वास है कि वह अपने मिशन में सफल होंगे। आतंकियों से लोहा लेते बलिदान हुए सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश सैनिकों की असाधारण वीरता का ऋणी रहेगा। उन्होंने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

इससे पहले सुबह साढ़े ग्यारह बजे राजनाथ सिंह जम्मू पहुंचे और वायुसेना के हेलीकाप्टर से सीधे राजौरी रवाना हो गए। रक्षा मंत्री ने दोपहर करीब 12 बजे राजौरी स्थित डिवीजन मुख्यालय में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में राजौरी-पुंछ के सुरक्षा हालात की जानकारी ली। बैठक में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी व सेना की सोलह कोर के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

मृतकों के स्वजन से की मुलाकात

उन्होंने राजौरी के डाक बंगला में संदिग्ध हालात में मारे गए पुंछ जिले के टोपा पीर गांव के तीन ग्रामीणों के स्वजन से भेंटकर उन्हें विश्वास दिलाया कि घटना की शीघ्र जांच कर न्याय दिलाया जाएगा। इस दौरान जिला के जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उन्होंने राजौरी जिला अस्पताल जाकर घायलों का हाल भी जाना।

उच्चस्तरीय बैठक में बनाई रणनीति

दिल्ली लौटने से पहले रक्षा मंत्री ने जम्मू के राजभवन में उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की सुरक्षा चुनौतियां, बेहतर समन्वय, मजबूत खुफिया नेटवर्क और आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाने की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में प्रदेश प्रशासन, सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ सुरक्षाबलों, खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। शाम करीब पौने छह बजे वह वायुसेना के विमान से जम्मू से दिल्ली रवाना हो गए। जम्मू के तकनीकी हवाई अड्डे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी, सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर व कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

21 दिसंबर को हुआ था हमला

बता दें कि 21 दिसंबर को पुंछ के टोपा पीर क्षेत्र में सेना के दो वाहनों पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार जवान बलिदान हो गए थे। इसके अगले दिन हमला स्थल के पास तीन ग्रामीणों के शव बरामद हुए थे। कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि इन तीनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और हिरासत में ही कुछ लोग घायल भी हुए हैं। इसके बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने राजौरी व पुंछ जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। साथ ही मृतकों के स्वजन के लिए मुआवजे व नौकरी की भी घोषणा की गई थी।

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