Jammu: निर्वासित तिब्बती संसद के डेलीगेशन की भाजपा नेता से मुलाकात, चीन की नीतियों के खिलाफ जताया एतराज
निर्वासित तिब्बती संसद के प्रतिनिधिमंडल ने चीन पर तिब्ब्ती लोगों को बाैद्ध धर्म छोड़ साम्यवाद अपनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए उस पर दवाब बनाने में भाजपा का सहयोग मांगा है। इसके साथ तिब्बती मानवाधिकार की स्थिति की निगरानी व रिपोर्ट करने के लिए भी स्वतंत्र मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से चीन पर दबाव बनाने की मांग उठाई है।
By vivek singhEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Mon, 28 Aug 2023 10:22 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता: निर्वासित तिब्बती संसद के प्रतिनिधिमंडल ने चीन पर तिब्ब्ती लोगों को बाैद्ध धर्म छोड़ साम्यवाद अपनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए उस पर दवाब बनाने में भाजपा का सहयोग मांगा है।
सोमवार को निर्वासित तिब्बती संसद के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू में भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता से भेंट कर चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि चीन की नीतियों पर अंकुश लगाने के लिए उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना बहुत जरूरी है।
चीन ने किया तिब्बतियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन
चीन ने तिब्बतियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के साथ उनकी संस्कृति व पहचान को खतरे में डाला है। चीन 1949 से तिब्ब्तियों की राष्ट्रीय पहचान के लिए खतरा बना हुआ है।भाजपा नेता से मिले प्रतिनिधिमंडल में सांसद लामा तेनपा यशपाल, सांसद दावा छीरिंग, सांसद येशी यारफेल, भारत तिब्बत सहयोग मंच के महासचिव राजिंदर सदोत्रा, अध्यक्ष डा छीरिंग चेरिंग तुंडुप के साथ संजीव मनमोत्रा मुख्य थे।
भाजपा नेताओं से मिले सांसद 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद के निर्वाचित सदस्य हैं, जो हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से काम कर रहे हैं। यह संसद तिब्बत के अंदर व बाहर रहने वाले साठ लाख के करीब तिब्ब्तियों का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रतिनिधिमंडल ने जोर दिया कि भारत सरकार से ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर तिब्बत को एक कब्जे वाले राष्ट्र के रूप में मान्यता दे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भारत सरकार से यह भी अपील की कि वह तिब्बतियों को अल्पसंख्यक बताकर, तिब्बत पर कब्जे को बीजिंग का आंतरिक मुद्दा बनाकर इसे अपना हिस्सा घोषित की झूठी कहानी को न माने।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।