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Kheer Bhawani Mela: जम्मू के जानीपुर स्थित मां क्षीर भवानी मंदिर में दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु, कश्मीर में वापसी के लिए की प्रार्थना

कश्मीरी पंडितों की यह मां राघेन्या के प्रति अपार श्रद्धा ही है कि विस्थापन में रहते हुए भी उन्होंने भवानी नगर में मां क्षीरभवानी का वैसा ही मंदिर स्थापित किया है। जैसा कि गांदरबल के तुलमुल्ला गांव में है। यहां एक कृत्रिम कुंड भी तैयार किया गया।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 03:18 PM (IST)
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क्षीर भवानी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचना शुरू हो गए थे।
जम्मू, जागरण संवाददाता । ज्येष्ठ अष्टमी के पावन अवसर पर जम्मू के भवानी नगर जानीपुर स्थित मां क्षीर भवानी मंदिर में बुधवार को हजारों कश्मीरी पंडित श्रद्धालुओं ने मां राघेन्या के दरबार पहुंच कर आशीर्वाद प्राप्त किया। हर दिल में एक टीस जरूर थी की काश वह मां राघेन्या क्षीर भवानी मंदिर तुलमुल्ला में जाकर पहले कि तरह मेले में शामिल हो पाते। सभी ने कश्मीरी पंडित समुदाय की खुशहाली और घरों की वापसी के लिए प्रार्थना की। माता के दर्शन करने पहुंचे बुजुर्ग उपेंद्र अम्बरदार ने कहा कि यही दुआ है कि वह अपने बच्चों के साथ पारंपरिक मेलों, धार्मिक यात्राओं में उसी तरह शामिल हों जैसा कि वे पहले हुआ करते थे। क्षीर भवानी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचना शुरू हो गए थे।

मां राघेन्या की भक्ति से सुबह से ही मंदिर परिसर गूंज रहा है। एक तरफ भजन कीर्तन चल रहा है तो दूसरी ओर महिलाएं घेरे में बैठ कर रत्नदीप, मिश्री की डालियों, धूप व ज्योति से सजी थालियां लेकर मंदिर के प्रांगण में पंडित से पूजा करवा रही थीं। मां क्षीरभवानी के मंदिर के इर्द-गिर्द बना सरोवर दूध, पानी और फूलों से पटा रहा। पूरे प्रांगण में श्रद्धा व भक्ति का रंग जमा हुआ है। मंदिर की शोभा देखते ही बन रही है।

कश्मीरी पंडितों की यह मां राघेन्या के प्रति अपार श्रद्धा ही है कि विस्थापन में रहते हुए भी उन्होंने भवानी नगर में मां क्षीरभवानी का वैसा ही मंदिर स्थापित किया है। जैसा कि गांदरबल के तुलमुल्ला गांव में है। यहां एक कृत्रिम कुंड भी तैयार किया गया। मंदिर का प्रबंधन अ‌र्द्ध महारात्रि मां राघेन्या ट्रस्ट की ओर किया जा रहा है। कश्मीरी पंडित ज्येष्ठ अष्ठमी को माता का अवतरण दिवस मानते हैं।

पारंपरिक तौर-तरीके से हो रही पूजा

महिलाओं ने धार्मिक आस्था व परंपरा के साथ मां राघेन्या की दूध, दही, धूप, फूल व चावल से पूजा अर्चना कर पंडित समुदाय के लिए अमन की दुआ मांगी। इस अवसर पर समुदाय की बेहतरी के लिए हवन-यज्ञ भी हुआ जिसमें समस्त श्रद्धालुओं ने कामना पूर्ति के साथ आहुतियां अर्पित की। भवानी नगर स्थित मां क्षीर भवानी परिसर सुबह से ही श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। महिलाओं खासकर बच्चों की संख्या अधिक थी। यही नहीं, स्थानीय लोगों ने भी परिवार सहित मां के दरबार में हाजरी दी और मां राघेन्या को खीर अर्पित की। लोगों का कहना था कि कश्मीरी श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा को देखते हुए वे भी पिछले पांच छह वर्षो से मेले में शामिल हो रहे हैं। सुबह से देर रात तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में माथा टेका।

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