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Doda Encounter: न घने जंगलों की चिंता, न गोलीबारी का भय.... आतंकियों का बहादुरी के साथ सामना करते रहे कैप्टन बृजेश थापा

डोडा में सोमवार रात हुए आतंकी हमले में चार जवान बलिदान हो गए हैं। इस खबर ने देश को झकझोर दिया है। वारदात के बाद से ही राजनेताओं व सेना के अधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं तथा जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अधिकारियों ने बलिदानी कैप्टन को लेकर बताया कि घटना के समय आतंकियों ने भागने की कोशिश की लेकिन वह उनका बहादुरी के साथ सामना करते रहे।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 16 Jul 2024 01:27 PM (IST)
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डोडा मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टन बृजेश थापा
पीटीआई, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी बलिदान हो गए।

मुठभेड़ में बलिदानी जवानों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में हुई है। पिछले तीन हफ्तों में डोडा जिले के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ थी।

यह घटना कठुआ जिले के सुदूर माचेडी वन क्षेत्र में सेना के गश्ती दल पर हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद हुई है। सुदूर हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे और कई घायल हो गए थे।

सोमवार देर शाम शुरू हुआ अभियान

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।

उन्होंने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगल के बावजूद कैप्टन के नेतृत्व में जवानों ने उनका पीछा किया।

मुठभेड़ में पांच जवान हुए थे घायल

इसके बाद सोमवार रात करीब 9 बजे फिर से मुठभेड़ हुई। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उनमें से कैप्टन समेत चार की बाद में मौत हो गई।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सेना के सभी रैंक के जवानों ने आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।

भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'इस दुख की घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है।

सेना की 16वीं कोर (व्हाइट नाइट कोर) ने सोमवार देर रात 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर, भारतीय सेना और जेकेपी द्वारा डोडा के उत्तरी क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान जारी था। आज (सोमवार) रात लगभग नौ बजे आतंकी दिखे। जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई।

अधिकारियों ने कहा कि सेना और पुलिस ने सोमवार रात को ही अतिरिक्त बल जुटाए और मंगलवार सुबह अधिक सैनिकों के साथ क्षेत्र की फिर से तलाशी शुरू की।

उन्होंने कहा कि सेना के शीर्ष पैरा-कमांडो को तैनात किया गया है, जबकि निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को भी लगाया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को आतंकवादी नहीं दिखे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे सीमा पार से घुसपैठ कर आए हैं और पिछले कुछ महीनों से जंगल क्षेत्र में छिपे हुए हैं।

2021 से 52 सुरक्षाकर्मी बलिदान

जम्मू क्षेत्र में 2021 से अब तक आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 52 सुरक्षाकर्मियों समेत 70 से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें से अधिकतर सेना के हैं।

अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर लोग राजौरी और पुंछ जिलों में मारे गए, जहां 54 आतंकवादियों को भी ढेर किया गया। उन्होंने बताया कि रियासी जिले में तीन और कठुआ जिले में दो आतंकवादी मारे गए।

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