जम्मू के पहाड़ों और जंगलों में छिपे हो सकते हैं 50 से भी ज्यादा आतंकी! हेलीकॉप्टर और ड्रोन से खंगाला जा रहा चप्पा-चप्पा
डोडा में आतंकी हमले में चार सुरक्षाबल बलिदान हो गए। हमले के बाद से ही हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए जंगलों का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स संगठन ने ली है। जब आतंकियों का सामना सुरक्षाबलों के साथ हुआ तो उस दौरान उन्होंने भागने की कोशिश की मगर सेना के जवानों ने बिना जान की परवाह किए उनका पीछा जारी रखा।
डिजिटल डेस्क, कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार रात को सुरक्षाबलों की आंतकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इस बीच कैप्टन समेत चार जवान बलिदान हो गए।
लेकिन अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने अपने अदम्य साहस से दुश्मन के नाकों चने चबा दिए जवानों ने पूरे जोश और बहादुरी के साथ आतंकियों का सामना किया।उन्होंने घने जंगलों और इलाकों की परवाह किए बगैर आतंकियों का पीछा किया और उनके खात्मे के लिए अंत तक अभियान से जुड़े रहे।
बृजेश थापा के नेतृत्व में चला तलाशी अभियान
मिली जानकारी के अनुसार, जवानों को करीब आठ बजे इनपुट मिला कि डोडा के अंतर्गत धारी गोटे उरारबागी के इलाकों में आंतकवादी हैं। सेना में कैप्टन बृजेश थापा के नेतृत्व में तलाशी अभियान चलाया। इस बीच आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई।उस दौरान आतंकियों ने भागने की कोशिश की, जवानों ने उनका पीछा जारी रखा। इसी बीच सोमवार रात करीब नौ बजे फिर मुठभेड़ शुरू हुई।
यह भी पढ़ें- 'अब तक उनके सिर कट जाने चाहिए थे', Doda Encounter पर फूटा फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती का गुस्साजिसमें चार जवान घायल हो गए और आज इलाज के दौरान सुबह कैप्टन समेत अन्य जवान बलिदान हो गए। बलिदानियों में कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय और एक जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस का शामिल था।
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