Ladakh News: भारत की पहली जियो थर्मल बिजली परियोजना की ड्रिलिंग शुरू, लद्दाख सहित अन्य राज्यों को भी मिलेगा लाभ
लद्दाख में भारत की पहली जियो थर्मल बिजली परियोजना के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना की उत्पादन क्षमता एक मेगावाट के करीब होगी। इसके साथ ही लेह से करीब 190 किलोमीटर दूर स्थित यह पुगा घाटी में लगाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के कामयाब होने के साथ ही लद्दाख सहित अन्य राज्यों को लाभ मिलेगा।
राहुल शर्मा, जम्मू। बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख की जियो थर्मल (भूतापीय) समृद्ध पुगा घाटी में भारत की पहली जियोथर्मल बिजली परियोजना की ड्रिलिंग शुरू हो गई है। पायलट परियोजना के तहत शुरू की गई इस परियोजना की उत्पादन क्षमता एक मेगावाट के करीब होगी।
लेह से करीब 190 किलोमीटर दूर स्थित यह पुगा घाटी में लगाया जा रहा यह प्रोजेक्ट तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), एलएएचडीसी लेह और हिमालयन रिन्यूएबल एनर्जी एंड कंस्ट्रक्शन फर्म (एचआरईसीएफ) की संयुक्त पहल है।
एनएचपीसी कर रही योजनाओं का संचालन और रखरखाव
आपको बता दें कि लद्दाख में वर्तमान में लेह और कारगिल जिले के विभिन्न स्थानों पर 13.95 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली करीब नौ पनबिजली परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं का रखरखाव जम्मू कश्मीर पावर डेवलेपमेंट कारपोरेशन ही कर रहा है। इसके अलावा कारगिल में 44 मेगावाट वाली चुतक और लेह में 45 मेगावाट क्षमता वाली निम्मो बाजवो पनबिजली परियोजनाएं हैं। इनका संचालन और रखरखाव एनएचपीसी द्वारा किया जाता है।14 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर बनाई जा रही ये परियोजना
यह भूतापीय शून्य-कार्बन नवीकरणीय बिजली परियोजना लेह में 14 हजार फीट से भी अधिक की ऊंचाई पर बनाई जा रही है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पायलट परियोजना का उद्देश्य सर्दियों के दौरान यहां के निवासियों के लिए अंतरिक्ष हीटिंग, जलीय कृषि, कृषि और लैगून स्पा जैसी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
परियोजना के लिए शुरू कर दी गई ड्रिलिंग
परियोजना को शुरू करने से पहले किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि पुगा घाटी में 1000 मीटर की गहराई पर 200 डिग्री सेल्सियस का तापमान है। जो एक मेगावाट बिजली यूनिट शुरू करने के लिए पर्याप्त है। इस परियोजना के लिए ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि सर्दियों की शुरुआत से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा।ये भी पढ़ें: Amarnath Yatra के लिए 1600 श्रद्धालुओं का 34वां जत्था रवाना, अब तक चार लाख सात हजार लोगों ने किए शिव के दर्शन
यह परियोजना केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह, ओएनजीसी और लेह स्थित निर्माण कंपनी एचआरइसीएफ के बीच 2021 के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) का परिणाम है।
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