Year End 2023: आतंकवाद के साथ नशा तस्करों का भी जम्मू-कश्मीर में सफाया, इस साल 250 हुए गिरफ्तार; PSA के तहत दर्ज हुए केस
पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने नार्काेटेरेरिज्म को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि इसके सरगना सिर्फ पाकिस्तान में नहीं हैं बल्कि तुर्किये कनाडा सहित अन्य मुल्कों में भी हैं। उन्होंने कहा कि एनसीबी और इंटरपोल के जरिए इन तत्वो के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित बनाएंगे । बीते वर्ष अवैध नशीले पदार्थाें के कारोबार में लिप्त 191 लोगों को पकड़ा गया था जबकि इस वर्ष 250 लोग पकड़े गए हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के साथ-साथ पुलिस नशा तस्करों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इसी के साथ इस साल 250 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
तुर्किये , कनाडा सहित कई मुल्कों में नार्काेटेरेरिज्म के सरगना
पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने नार्काेटेरेरिज्म को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि इसके सरगना सिर्फ पाकिस्तान में नहीं हैं बल्कि तुर्किये , कनाडा सहित अन्य मुल्कों में भी हैं। हम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के माध्यम से इंटरपोल की मदद से विदेशों में बैठे इन तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
तुर्किये- कनाडा से भी आता है नशीला पदार्थ
पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जो भी हेरोइन, ब्राउन शूगर या इन जैसा कोई अन्य नशीला पदार्थ आता है तो वह सिर्फ सीमा पार पाकिस्तान या अफगानिस्तान से ही आता है। इसके कई मॉड्यूल तुर्किये कनाडा व अन्य मुल्कों से सक्रिय हैं।नशा तस्करी का आतंकवाद और अलगाववाद से भी नाता
रामबन में पकड़े गए एक मॉडयूल के तार इन्हीं देशों में जुड़े हए हैं। नशीले पदार्थाें की तस्करी का आतंकवाद और अलगाववाद से भी नाता है। कई बार अवैध नशीले पदार्थाें की कमाई सीधे पाकिस्तान-अफगानीस्तान पहंच जाती है और फिर वहां से जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों व अलगाववादियों के लिए आती है।
जम्मू-कश्मीर में कई लाख रुपये प्रतिकिलो की आती है हेरोइन
कई बार यह पैसा ड्रोन के जरिए भी गिराया गया है। कई बार यह पैसा सीधे पार नहीं जाता बल्कि उसका एक बड़ा हिस्सा यहीं जम्मू कश्मीर में सक्रिय आंतंकियों व अलगाववादियें तक पहुंचाया जाता है। पाकिस्तान से जब हेरोइन आती है तो वह कए लाख रूपये प्रति किलो होती है और दिल्ली पहुंचते पहुंचेते उसकी कीमत एक करोड़ रूपये हो जाती है।इस साल नार्काेटेरेरिज्म के 2400 मामले हुए दर्ज
स्वैन ने कहा कि नार्काेटेरेरिज्म एक नयी चुनौती है। हम इससे प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीबी और इंटरपोल के जरिए इन तत्वो के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित बनाएंगे । उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में एनडीपीएस के तहत 1659 मामले दर्ज किए गए थे जबिक इस वर्ष 2400 मामले दर्ज हुए हैं।
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