सियाचिन में वर्षा के चलते पैतृक गांव रवाना नहीं हो सका बलिदानी का पार्थिव शरीर, बंकर में आग लगने से गई थी जान
लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में बंकर में आग लगने की घटना में बलिदान हुए सेना के मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह का पार्थिव शरीर वीरवार को अनुकूल मौसम नहीं होने के चलते उनके पैतृक घर नहीं भेजा जा सका। पार्थिव शरीर को पहले सियाचिन के आधार शिविर परतापुर से लेह एयर फोर्स स्टेशन भेजना था लेकिन सियाचिन से ही हेलीकॉप्टर की उड़ान संभव नहीं हो सकी।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 21 Jul 2023 12:41 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में बंकर में आग लगने की घटना में बलिदान हुए सेना के मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह का पार्थिव शरीर वीरवार को अनुकूल मौसम नहीं होने के चलते उनके पैतृक घर नहीं भेजा जा सका। पार्थिव शरीर को पहले सियाचिन के आधार शिविर परतापुर से लेह एयर फोर्स स्टेशन भेजना था, लेकिन सियाचिन से ही हेलीकॉप्टर की उड़ान संभव नहीं हो सकी।
गोरखपुर भेजना था पार्थिव शरीर
लद्दाख के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस सिद्धू ने बताया कि गुरुवार को परतापुर में भारी बारिश हो रही थी। शुक्रवार को बलिदानी के पार्थिव शरीर को लेह एयर फोर्स स्टेशन लाकर घर रवाना करने की कोशिश की जाएगी। लेह से बलिदानी के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर भेजा जाना है।