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Jammu and Kashmir: बढ़ते तापमान से लोगों ने किया पहाड़ों की तरफ रुख, पर्यटक स्थल डग्गर व चला में बढ़ी रौनक

Jammu News जम्मू में बढ़ते तापमान के कारण लोगों ने मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि पर्यटक स्थल डग्गर व चला में रौनक बढ़गई है। चला में भी पर्यटकों के लिए होटल बनाने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है। हालांकि सरथल में मार्ग के विस्तारीकरण के कारण कम संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 25 Jun 2023 08:49 AM (IST)
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बढ़ते तापमान से लोगों ने किया पहाड़ों की तरफ रुख (फाइल फोटो)

संवाद सहयोगी, बसोहली/बनी। मैदानी क्षेत्र में तापमान बढ़ने के साथ ही पर्यटकों का रुख पहाड़ी क्षेत्र में अचानक बढ़ गया है। आलम यह है कि पर्यटकों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि देखी जा रही है। इसके कारण पर्यटक स्थल डग्गर व चला में रौनक बढ़ गई है।

पर्यटक स्थल सरथल में सड़क के विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है। इसके कारण काफी कम संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। उधर, पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डग्गर व सरथल में पर्यटकों के स्टे करने के लिए होटल बनाने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए बकायदा 50 कनाल भूमि का चयन करने में पर्यटन विभाग जुट गया है।

प्रकृति का दीदार करते हैं पर्यटक

बनी से डग्गर की दूरी करीब 25 किलोमीटर है, उससे आगे करीब दो किलोमीटर पर्यटकों को पैदल चलकर पर्यटक स्थल पर पहुंचकर प्रकृति का दीदार होता है। यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा ही रहने व खाने की सुविधा प्रदान की जाती है। जो पर्यटक बनी आते हैं, वे टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में ही आराम करते हैं जो कि सेवा नदी के किनारे होने के कारण सुबह और शाम अधिकांश पर्यटक सेवा नदी का भी जमकर लुत्फ उठाते हैं।

चला में पहुंच रहे पर्यटक

वहीं, चला में भी काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। चला बसोहली-बनी मार्ग से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां पहुंचने के लिए पर्यटक छोटे बड़े वाहन का प्रयोग करते हैं। इसी स्थान पर बासुकीनाथ का मंदिर भी है, जहां अधिकांश श्रद्धालु मंदिर में मत्था टेकते हैं। यहां पर लंबे-लंबे मैदान व हरे भरे पेड़ देखकर पर्यटक मस्ती करते हैं।

जोड़ियां माता मंदिर में पहुंचते हैं श्रद्धालू

जोड़ियां माता मंदिर के लिए पैदल रास्ता भी जाता है, काफी संख्या में लोग इसी मार्ग से होकर जोड़ियां माता पहुंचते हैं। इस समय धोले माता के लिए सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। वहां जाने के लिए अधिकांश लोग छोटे या बड़े वाहन में जाते हैं। बनी में युवा पर्यटकों के साथ गाइड बन कर उन्हें इतिहास बताते हैं। इसके कारण रोजगार बढ़ रहा है। हालांकि, बनी में पर्यटकों के रहने के लिए निजी होटल के प्रबंध है।

चला की हरियाली देख पर्यटक स्वयं खींचे चले आते हैं

गर्मी के मौसम में अगर आप प्रकृति के नजारों के बीच रात को रजाई व कंबल ओढ़कर सोना चाहते हैं तो गांव चला सबसे बेहतर जगह है। सुंदरता से भरपूर और हरियाली, ठंडी हवाएं चला में हर पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आने में कोई मुश्किल भी नहीं आएगी, क्योंकि यहां तक आने के लिए सड़क सुविधा उपलब्ध है। बसोहली-बनी सड़क पर सियारा गांव से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर चला गांव है जो प्रकृति सुंदरता से मालामाल है। यहां पर कब धूप व कब ठंडी हवाएं झकझोड़ दें, इसका अहसास यहां आकर ही किया जा सकता है।

ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार

चिलचिलाती गर्मियों से दूर शहर की भाग दौड़ और शोर शराबे से दूर यह जगह प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन चुका है। यहां रोजाना पर्यटकों के पहुंचने से ग्रामीण खुश हैं, उन्हें भी रोजगार के साधन उपलब्ध होने लगे हैं। बनी तहसील के गांव सियारा, जो कि बसोहली-बनी मार्ग पर बनी तहसील की पहली पंचायत है। सियारा से चला की सड़क पर कभी ठंडी हवाएं तो कभी तेज धूप स्वागत करती है। धूप और धुंध की लुकाछिपी के बीच व्यक्ति स्वयं चला पहुंच जाता है और खुद को बादलों के बीच पाता है। हर किसी को चला पहुंच कर ऐसा लगता है कि हम सबसे ऊपर हैं।

दिन में 20 डिग्री रहता है तापमान

बसोहली, पठानकोट, कठुआ, डलहौजी, समलेऊ की रोशनी यहां पर रात को देखी जा सकती है। मोबाइल नेटवर्क की भी कोई समस्या नहीं है। जंगल इतने घने हैं कि अगर कहीं धूप लगे तो व्यक्ति कुछ पल के लिए जंगल में बैठकर शीत लहर का मजा ले सकता है। यहां पर इन दिनों तापमान 20 डिग्री के आसपास रहता है।

चला में पानी की समस्या है विकराल

ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण चला की आबादी ज्यादा तो नहीं है, लेकिन यहां पर पानी की किल्लत से लोगों को जूझना पड़ता है। यहां पर आने से पहले रास्ते से पानी का प्रबंध कर पहुंचना पड़ेगा। टैंट सुविधा में तो सब कुछ है, मगर यहां पर सैर करने के लिए जाए उसके पास अपना पानी होना जरुरी है। हालांकि, यहां पर पूर्व में रहने के लिए कोई प्रबंध नहीं थे, मगर अब कुछ बेरोजगारों ने यहां टैंट की सुविधा प्रदान की है। खुले आसमान के नीचे आप को घर जैसा खाना उपलब्ध होता है। मोबाइल चार्ज करने के लिए जेनरेटर की सुविधा है, जिसे पर्यटकों की डिमांड पर चलाया जाता है। बहरहाल, पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन विभाग को इस जगह पर होटल, लांज व मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।

एडवेंचर टूरिज्म लाने की हो रही कोशिश

चला को एडवेंचर टूरिज्म को लेकर पर्यटन विभाग ने चला गांव में दो बार पैरा ग्लाइडिंग की और देश से प्रसिद्ध ग्लाइडर को यहां पर लाया। उनके द्वारा इस जगह को ठीक ही बताया गया, जिसमें एक बिजली की लाइन को तब्दील करने की बात कही गई। अगर बिजली की लाइन को कहीं और मार्ग में शिफ्ट कर दिया जाता है तो यहां पर पैरा ग्लाइडिंग शुरू हो सकती है।

गुलमर्ग या पहलगाम से कम नहीं बनी का पर्यटक स्थल

बनी का पर्यटक स्थल किसी गुलमर्ग या पहलगाम से कम नहीं है, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण विकास नहीं हो पाया। यहां पर अभी भी पर्यटक स्थल पर्यटकों की नजर से कोसों दूर हैं, सरकार को चाहिए कि यहां का विकास करें और बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाए। पर्यटक स्थल सरथल में सड़क और मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से पर्यटक आने से कतराते हैं। इन स्थानों पर मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए, क्योंकि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से पर्यटक सरथल पहुंचते हैं, वे अपने स्वजन को फोन नहीं कर सकते। इसलिए सरकार को चाहिए कि सुविधाएं उपलब्ध करवाएं।

सरकार की अनदेखी के कारण नहीं हो पाया विकास- सरपंच

सरपंच रोशन लाल ने कहा कि जब भी बनी में कोई बैठक होती है तो पर्यटक स्थालों के विकास की मांग की जाती है, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण विकास नहीं हो पा रहा है। पर्यटकों को रहने के लिए भी होटल की आवश्यकता है इसलिए सरकार को चाहिए कि रात में पर्यटकों को रोकने की कोई व्यवस्था की जाए।

सड़क के निर्माण की कई बार उठ चुकी है मांग

सांदरुन के सरपंच उत्तमचंद ने कहा कि चला से जोड़ियां माता वेलफेयर ट्रस्ट सड़क का निर्माण करने के लिए कई बार सरकार से मांग की गई, अगर इस सड़क का निर्माण कार्य होता है तो सिर्फ पर्यटकों को ही नहीं, बल्कि जोड़ियां माता और डोले माता जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आसान होगा, इसलिए सरकार को इस मार्ग की तरफ ध्यान देना चाहिए।

पर्यटकों के रहने के लिए भवनों का होगा निर्माण

जोड़ियां माता वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन सुशील कुमार ने कहा कि डग्गर और सरथल में पर्यटकों के रहने के लिए कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा भवन का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके लिए भूमि का चयन किया जा रहा है, ताकि दोनों स्थानों पर पर्यटकों के रहने की सुविधा मिल सके। चला में भी पर्यटकों के लिए होटल बनाने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है, आने वाले समय में सभी स्थानों का विकास होगा और होटल के भी प्रबंध किए जाएंगे।

भूमि मिलते ही पर्यटकों के लिए होंगी सुविधाएं

कंपनी के सीईओ ने कहा कि चला में 50 कनाल भूमि का अधिग्रहण करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। एसडीएम बनी से बात हो चुकी है, जैसे ही भूमि मिलती है तो पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएगी।

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