JK फतह के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस का बदला रुख, फारूक अब्दुल्ला ने मनाया दशहरा, कश्मीरी पंडितों की वापसी का दिया भरोसा
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के बाद नेशनल कांफ्रेंस का रुख बदलने लगा है। पार्टी के नेता हिंदुओं के त्योहारों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। शनिवार को विजयदशमी के अवसर पर नेकां के प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला स्वयं रावण दहन के मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जम्मू के लोगों से कोई दुश्मनी नहीं है। नेकां कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए काम करेगी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। विधानसभा चुनावों के बाद नेशनल कान्फ्रेंस की हुई जीत के बाद पार्टी के रुख में भी बदलाव आने लगा है। पार्टी के नेताओं को यह आभास हो गया है कि जम्मू में उसका जनाधार कम हुआ है। इसी के चलते अब पार्टी के नेता हिंदुओं के त्योहारों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेने लगे हैं। शनिवार को विजयदशमी के अवसर पर नेंका के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला स्वयं रावण दहन के मौके पर पहुंचे थे।
श्रीनगर में 32 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाया था। दशहरा के मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। कश्मीर में शांत हुए माहौल के बाद हिंदुओं के त्यौहार अब धूमधाम से मनाए जाने लगे हैं। दशहरा में हिंदू समुदाय के अतिरिक्त अन्य धमों के लोग भी पहुंचे हुए थे। प्रमुख लोगों में नेशनल कान्फ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला थे। उन्होंने कहा कि जम्मू के लोगों से कोई दुश्मनी नहीं।
फारूक अब्दुल्ला बोले- कार्यक्रम में आकर अच्छा लगा
सभी वगों, जम्मू वासियों, कश्मीरियों, डोगराओं, बौद्धो, कश्मीरी हिंदुओं को साथ लेकर चलेंगे। कार्यक्रम में कश्मीरी हिंदू बड़ी संख्या में मौजूद थे। डा. अब्दुल्ल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास और घाटी वापसी के लिए काम करेगी।उन्होंने कहा कि आज वह इस कार्यक्रम कार हिस्सा बनकर बहुत ही उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि वह पांच वर्ष तक सांसद रहे लेकिन उन्हें इस प्रकार के आयोजनों में कभी भी बुलाया नहीं गया।
नेकां कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए काम करेगी
नेकां प्रमुख ने कहा कि नई सरकार कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और उनकी जड़ों की ओर सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि हम सब चाहते हैं कि कश्मीरी हिंदू वापस आएं और फिर से सम्मानजनक जीवन जिएं। अब समय आ गया है जब उन्हें वापस लौटना चाहिए।उन्होंने कहा कि हम सुशासन की दिशा में अपने मार्च में जम्मू के लोगों को साथ लेंगे। नेकां प्रमुख ने कहा कि जब दिवंगत शेख मुहम्मद अब्दुल्ला सत्ता में थे तो हमेशा एक और नारा लगाया जाता था।
शेर-ए-कश्मीर का इरशाद, हिंदू, मुस्लिम, सिख इत्तेहाद। हम इसी नारे पर विश्वास करते हैं। इसका मतलब सभी संप्रदायों और वर्गों को एक साथ रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कई गणमान्य लोगों को आमंत्रण भेजा गया है लेकिन अभी तिथि अंतिम नहीं होने के कारण उन्हें बताया नहीं गया है।राजभवन से तिथि मिलते ही सब कुछ तय होे जाएगा। डा. फारूक अब्दुल्ला समारोह के दौरान पूरी तरह से जम्मू के लोगों को साधते हुए नजर आए। वहीं दशहरे में उमड़ी भीड़ से हर कोई उत्साहित था।
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