Jammu Kashmir : पहले अनुसूचित जनजाति के लिए नहीं था राजनीतिक आरक्षण, जानिए राजनीतिज्ञों ने क्या कहा
पहाड़ी बिरादरी की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में ही संभव हो सकता था जिसके पास बेहतर करने का हौसला है।
By naveen sharmaEdited By: Rahul SharmaUpdated: Fri, 04 Nov 2022 09:24 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर की नौ विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले गुज्जर और बक्करवालों को नौकरियों और शिक्षा में तो आरक्षण था, लेकिन अनसूचित जनजातियों को राजनीतिक आरक्षण नहीं था।
परिसीमन आयोग ने अनुसूचित जनजाति के लिए 90 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में नौ सीटें आरक्षित की हैं। इसमें कश्मीर की चार और जम्मू संभाग की पांच हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अगर बारामुला, कुपवाड़ा, गांदरबल और कुलगाम के पहाड़ी इस फैसले के बाद भाजपा का साथ देते हैं तो कश्मीर में भी कमल खिल जाएगा।
- पहाड़ी बिरादरी की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में ही संभव हो सकता था, जिसके पास बेहतर करने का हौसला है। जितेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री
- यह सब तभी संभव हो रहा है जब केंद्र में भाजपा की सरकार है। केंद्रीय गृह मंत्री ने खुद राजौरी में आकर पहाड़ी समुदाय को जल्द उनका हक दिलाने की बात कही थी जो अब पूरी होती जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सारी कार्यवाही पूरी हो जाएगी और पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा मिल जाएगा। -विबोध गुप्ता, प्रदेश भाजपा महासचिव व पहाड़ी समुदाय के नेता
- पहाड़ी समुदाय को एसटी दर्जे के लिए हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। लोगों की यह मांग पूरी होने जा रही है। हमारे सभी रास्ते साफ हो रहे हैं। अब यह मुद्दा कैबिनेट के पास जाएगा, वहां से पास होकर संसद में पेश होगा। वहां से मंजूरी के बाद एसटी का दर्जा मिल जाएगा। यह सब तभी हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने हमारे दर्द को समझा। -इकबाल मलिक, पूर्व जिला उपायुक्त एवं पहाड़ी नेता
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से जो फैसला लिया गया है, उससे पहाड़ी समुदाय काफी खुश है। अब हमारा रास्ता साफ हो चुका है। अब हमें हमारे हक से कोई नहीं रोक सकता। पिछले कई सालों से हम अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब हमारा संघर्ष सफल होता दिख रहा है। इस दिन का कबीले के लोगों को लंबे समय से इंतजार था। -ठाकुर नेत्र सिंह, पहाड़ी नेता
- पहाड़ी समुदाय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने जो वादा किया वह जल्द पूरा होने वाला है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पहाड़ी समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने की सिफारिश मान ली है। जल्द ही कार्यवाही पूरी हो जाएगी और पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्ज मिल जाएगा। हम किसी का हक नहीं ले रहे हैं हमें अपना हक मिल रहा है। -राजेंद्र गुप्ता, जिला अध्यक्ष भाजपा
- हम लोग दिल्ली में गए थे उस समय हमारे साथ मंत्रियों ने जो वादे किए थे वह पूरे हो रहे हैं। गृह मंत्री ने राजौरी में जनसभा में जो वादा किया था वह पूरा हो रहा है। अगर केंद्र में भाजपा की सरकार न होती तो हम लोग अभी भी अपने हक के लिए संघर्ष ही करते होते। अब उम्मीद है कि जल्द ही पहाड़ी समुदाय को उनका हक मिल जाएगा। भारत भूषण वैद्य, पहाड़ी नेता एवं राजौरी नगर परिषद के उपाध्यक्ष
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