Earthquake in Jammu-Kashmir: कारगिल व लद्दाख में एक घंटे में चार बार कांपी धरती, रिक्टर पैमाने पर इतनी मापी गई तीव्रता
जम्मू कश्मीर के कारगिल और लद्दाख (Earthquake in Jammu Kashmir) में आज दोपहर लगभग 3 बजकर 48 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इस बात की जानकारी दी है। भूकंप के कारण किसी के जान-माल की हानि हुई या नहीं या फिर हुई तो कितनी हुई? इस संबंध में फिलहाल जानकारी का इंतजार है।
राज्य ब्यूरो, लद्दाख। (Jammu Kashmir Earthquake News) भूकंप के लिहाज से संवेदनशील केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में एक घंटे में चार बार धरती कांपी। इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में चार बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
आज सोमवार को 3:48 बजे भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया। जिसका केंद्र कारगिल था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
दूसर झटका 04:01 मिनट पर महसूस हुआ
भूकंप का दूसरा झटका 4:01 पर महसूस किया गया और इसका केंद्र भी कारगिल था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 रही। चूंकि भूकंप का केंद्र कारगिल था, तो साथ लगते कश्मीर घाटी में भी झटकों को महसूस किया गया।
वहीं, जम्मू संभाग में 4.01 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसका केंद्र किश्तवाड़ था जिसकी तीव्रता 4.8 रही और फिर से 4:16 बजे भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.6 रही। इसका केंद्र भी किश्तवाड़ था।
लोगों में दहशत का माहौल
कारगिल व किश्तवाड़ में रहने वाले लोगों को भूकंप के तेज झटके इसलिए महसूस किए गए और वहां पर इनका केंद्र था। लोग घर से बाहर आ गए और दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है और यहां पर भूकंप के आने की संभावना बनी रहती है।
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जम्मू विश्वविद्यालय में जियोलॉजी विभाग के प्रो. ने ये कहा
जम्मू विश्वविद्यालय में जियोलॉजी विभाग के प्रो. एसके पंडिता का कहना है कि जम्मू भूकंपीय क्षेत्र चार व कश्मीर व लद्दाख पांच में आता है। इसलिए यहां पर कभी भी भूकंप के आने की संभावना बनती रहती है। दुनिया में ऐसा कोई उपकरण नहीं है जो भूकंप का पूर्वानुमान लगा सके।
आने वाले समय में भी भूकंप के झटकों की संभावना बनी रहेगी। लोगों को घबराना नहीं चाहिए लेकिन सतर्क जरूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी इमारतें, मकान व अन्य ढांचे मजबूत होने चाहिए और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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