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अब आग नहीं उगल पाएगा ड्रैगन... पूर्वी लद्दाख में 13,700 फीट की ऊंचाई पर बन रहे एयरफील्ड से बढ़ेगी IAF की शक्ति

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर देवक दरिया पर 423 मीटर लंबे देवक पुल समेत 90 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एयरफील्ड की ई-आधारशिला भी रखी। यह हवाई पट्टी उत्तरी सीमा पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में भारी वृद्धि करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 12 Sep 2023 09:02 PM (IST)
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पूर्वी लद्दाख में 13,700 फीट की ऊंचाई पर बन रहे एयरफील्ड से बढ़ेगी IAF की शक्ति (फाइल फोटो)

सांबा (जम्मू), नवीन नवाज। Nyoma Airfield ड्रैगन अब आग नहीं उगल पाएगा। अगर कभी उसने दुस्साहस किया तो भारत के युद्धक विमान उसे सबक सिखाने के लिए पलभर में आसमान में होंगे। पूर्वी लद्दाख के न्योमा में समुद्रतल से 13,700 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची युद्धक विमान पट्टी (एयरफील्ड) में से एक अगले दो वर्ष में तैयार हो जाएगी। 200 करोड़ की लागत वाली यह हवाई पट्टी उत्तरी सीमा पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में भारी वृद्धि करेगी।

वर्ष 2020 के बाद जिस तरह से पूर्वी लद्दाख और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में चीन और भारत के बीच गतिरोध पैदा हुआ है, उसे देखते हुए न्योमा हवाई पट्टी भारतीय सेना की घातक क्षमता को धार देगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर देवक दरिया पर 423 मीटर लंबे देवक पुल समेत 90 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें बीआरओ की ओर से 2941 करोड़ की लागत से तैयार 22 सड़कें, 63 पुल, अरुणाचल में त्वांग को जोड़ने वाली एक सुरंग, बंगाल में दो हवाई पट्टी और दो हेलीपैड शामिल हैं।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है एयरफील्ड

इसके अलावा, पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के न्योमा में एयरफील्ड की ई-आधारशिला भी रखी। ये सभी सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो देश के प्रतिरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के साथ ही विश्वपटल पर भारत की बढ़ती ताकत और निर्माण क्षमता को दर्शाती हैं। पिछले ढाई वर्ष के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और पूर्वोत्तर में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 295 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं, मतलब हर तीसरे दिन एक परियोजना।

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न्योमा हवाई अड्डा दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा

रक्षा मंत्री (Rajnath Singh) ने विश्वास जताया कि न्योमा हवाई अड्डा दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा और सशस्त्र बलों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा। राजनाथ ने जिन 90 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया उनमें लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के बीच सदाबहार सड़क संपर्क के साथ सैन्य साजो सामान की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए शिंकू ला सुरंग भी बन रही हैं। यह सुरंग लाहौल स्पीति को लद्दाख की जंस्कार वैली से जोड़ देगी। पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश में 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग तैयार हो चुकी है, जो चीन के साथ सटे अग्रिम इलाकों में सेना की आवाजाही को पूरी तरह सुगम बना रही है।

इसी तरह पाकिस्तान के साथ सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैनिकों की आवाजाही में सांबा में देवक दरिया अब बाधा नहीं बनेगा, क्योंकि उसके दोनों किनारों को बीआरओ ने देवक पुल का निर्माण कर आपस में जोड़ दिया है।

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