Jammu News: भारत पेपर्स लिमिटेड के निदेशक को ED ने किया गिरफ्तार, कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया
जम्मू-कश्मीर में मनी लांन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारत पेपर्स लिमिटेड के निदेशक अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। अनिल कुमार अग्रवाल को भारतीय स्टेट बैंक के साथ बैंकों के एक संघ द्वारा किए गए 200 करोड़ रुपये के कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच को लेकर गिरफ्तार किया और भ्रष्टाचार निरोधक कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया।
जागरण संवाददाता, जम्मू। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू-कश्मीर में मनी लांन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले की चल रही जांच के सिलसिले में भारत पेपर्स लिमिटेड (Bharat Papers Limited) के निदेशक अनिल कुमार अग्रवाल (Anil Kumar Aggarwal) को गिरफ्तार किया है।
कठुआ जिले के निवासी अनिल कुमार अग्रवाल को भारतीय स्टेट बैंक के साथ बैंकों के एक संघ द्वारा किए गए 200 करोड़ रुपये के कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए गिरफ्तार किया गया था। वहीं, ईडी ने अग्रवाल को जम्मू में भ्रष्टाचार निरोधक (सीबीआई मामले) कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर ले लिया।
साल 2020 में दर्ज हुआ था मामला
12 फरवरी 2020 को कठुआ स्थित भारत पेपर्स लिमिटेड और अग्रवाल सहित उसके निदेशकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), जम्मू द्वारा मामला दर्ज किया गया था। मामले में शिकायत एसबीआई, लुधियाना (पंजाब) द्वारा दर्ज की गई।
बाद में इस मामले की जांच ईडी को सौंप दी गई थी। जिसके बाद 31 मार्च 2023 को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की थी।
जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप आया सामने
जांच में भारत पेपर्स लिमिटेड के परिसरों और कई अन्य स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसमें रिकार्ड, उपलब्ध दस्तावेज, बैंक खातों की जांच की गई थी। ईडी अधिकारियों ने का कहना है कि रिकॉर्ड कर जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अग्रवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया था।
प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि कंपनी ने व्यक्तिगत उपयोग और गलत लाभ के लिए व्यावसायिक उद्देश्य के लिए धन का दुरुपयोग कर के एक सुनियोजित साजिश के साथ ऋण राशि का दुरुपयोग किया।
ऐसे की गई मनी लॉन्ड्रिंग
भारत पेपर्स लिमिटेड के मुख्य निदेशकों में से एक अग्रवाल कंपनी के संचालन और वित्त की देखभाल कर रहे थे, जैसा कि अन्य निदेशकों द्वारा दिए गए बयानों से पता चलता है। वह बैंकों से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था।
फर्जी संस्थाओं के माध्यम से ऋण राशि का एक हिस्सा निकालकर और फर्जी चालान बनाकर मशीनरी की अवैध बिक्री करके मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया था। जांच के दौरान, अग्रवाल के बयान 1 फरवरी और 6 फरवरी को दर्ज किए गए, जिसमें उन्होंने गोलमोल जवाब देने का विकल्प चुना। इससे जांच में उनका असहयोग पता चला था और इसके चलते उसे अब गिरफ्तार किया गया है।