ED Raids: जम्मू के पूर्व सांसद लाल सिंह के घर पर ईडी की रेड, मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई कार्रवाई; जानिए क्या है पूरा मामला
Jammu News डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के संस्थापक एवं पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह के कठुआ घर पर ईडी ने छापा मारा। दूसरी तरफ उनके समर्थकों ने लाल सिंह के समर्थन में बाहर नारेबाजी की। उनका दावा है कि लाल सिंह पूरी तरह से साफ हैं पूर्व सीबीआई की भांति इस कार्रवाई से भी साफ निकलेंगे। ये सिर्फ बदले की कार्रवाई है क्योंकि वह मौजूदा सरकार के कार्य-प्रणाली पर जमकर सवाल उठाते हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 17 Oct 2023 01:34 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जम्मू। Jammu News: डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी (Dogra Swabhiman Sangathan Party) के संस्थापक एवं पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह, उनकी पत्नी और एक पूर्व सरकारी अधिकारी द्वारा संचालित एक शैक्षिक ट्रस्ट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ईडी ने कठुआ स्थित उनके निवास में छापा मारा।
घर का मुख्य गेट अंदर से किया गया बंद
यह सारी कार्रवाई घर के भीतर चल रही है। मुख्य गेट को अंदर से बंद किया गया है किसी को भी बाहर से अंदर और अंदर से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई है। वहीं ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जम्मू, कठुआ और पंजाब के पठानकोट में लगभग आठ परिसरों पर छापेमारी की गई है।
लाल सिंह के कठुआ स्थित निवास में ईडी की छापेमारी के विरोध में उनके समर्थकों ने बाहर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया ये केंद्र सरकार की तानाशाही है क्योंकि जो भी सरकार के खिलाफ उनके काले कारनामों का चिट्ठा खोलता है उसके खिलाफ ही ऐसी कार्रवाई होती है। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने उन्हें काबू किया। ईडी की छापेमारी के दौरान पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह अपने घर पर ही रहे।
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बदले की भावना से हो रही कार्रवाई
पिछले वर्ष भी सीबीआई ने लाल सिंह के इसी निवास पर छापेमारी की थी। ये कार्रवाई सुबह 7:30 से हुई। लाल सिंह खुद अपने परिवार के साथ अपने घर पर हैं। ईडी अधिकारियों ने कानून का हवाला देते हुए सबका फोन बंद करवा दिया। लेकिन बाहर उनके समर्थकों का जमावड़ा बढ़ रहा है।
जम्मू से भी उनके कई समर्थक जहां इस कार्रवाई का विरोध करने के लिए पहुंच गए हैं। उनका दावा है कि लाल सिंह पूरी तरह से साफ है पूर्व सीबीआई की भांति इस कार्रवाई से भी साफ निकलेंगे। ये सिर्फ बदले की कार्रवाई है क्योंकि वह मौजूदा सरकार के कार्य-प्रणाली पर जमकर सवाल उठाते हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।इस मामले में सीबीआई ने दायर अक्टूबर 2021 के आरोप पत्र में 100 मानक की अधिकतम सीमा के उल्लंघन के संबंध में विवरण का उल्लेख किया। साथ ही 2011 के बीच भूमि जारी करने में आपराधिक मिलीभगत का आरोप लगाया गया था।
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