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Jammu: ईडी ने आतंकी फंडिंग मामले में की बड़ी कार्रवाई, गुर्गों की 5 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले कुछ गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आतंकी फंडिंग मामले (Terrorist Funding Case) में ईडी ने कश्मीर के गुर्गों की पांच करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने बताया कि इस धन का उपयोग आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था।

By Agency Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 17 Jan 2024 09:26 PM (IST)
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ईडी ने आतंकी फंडिंग मामले में की बड़ी कार्रवाई।
एजेंसी, जम्मू/नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने आतंकी गतिविधियों में मदद करने वाले गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने बुधवार को बताया कि उसने आतंकवादी गतिविधियों और पथराव के लिए धन जुटाने वाले जम्मू-कश्मीर के कुछ गुर्गों के खिलाफ जांच की। इसके तहत ईडी ने आरोपियों की 5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और बैंक जमा राशि जब्त की है।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सात अचल संपत्तियों और दो बैंक खातों को अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि इनका संबंध अलगाववादी संगठन सॉल्वेशन फ्रंट के प्रमुख मोहम्मद अकबर भट, फातिमा शाह, काजी यासिर, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह और इकबाल मीर से है।

पाक कॉलेज में MBBS में प्रवेश के लिए वसूले 10-15 लाख रुपये

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस की एफआईआर और अकबर भट, फातिमा शाह, अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर, सैयद खालिद गिलानी उर्फ ​​खालिद अंद्राबी और अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र से शुरू हुआ है। कुछ पाकिस्तान स्थित संचालक जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए पाकिस्तानी कॉलेजों में एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश की व्यवस्था की।

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इसमें कहा गया है कि प्रत्येक छात्र से एक सीट के लिए लगभग 10-15 लाख रुपये वसूले गए। ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि पैसा आरोपियों के व्यक्तिगत खातों के साथ-साथ अल-जबर ट्रस्ट के खातों में प्राप्त हुआ था, जो धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए था।

छात्रों से मिले रुपये का किया दुरुपयोग

ईडी एजेंसी ने कहा कि इन खातों का उपयोग छात्रों से धन उगाही करने के उद्देश्य से किया गया था और आगे भारत में विभिन्न तरीकों से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किया गया था जैसे कि पत्थरबाजों को धन वितरित करना, पाकिस्तान के आकाओं जैसे कि मंजूर अहमद शाह, अल्ताफ अहमद भट आदि के निर्देशों पर जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकवादियों को धन प्रदान करना।

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