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ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर बर्खास्त होंगे एनएचएम कर्मी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर बैठे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मिय

By JagranEdited By: Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:58 AM (IST)
ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर बर्खास्त होंगे एनएचएम कर्मी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर बैठे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मियों पर राज्य प्रशासन ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों ने कर्मियों को ड्यूटी ज्वाइन करने का नोटिस जारी कर दिया है। कहा है कि ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नौकरी से निकाला जा सकता है। मगर कर्मियों पर कोई असर नहीं है। उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, हड़ताल जारी रहेगी। प्रशासन को जो करना है, करे।

हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं। बातचीत से कोई परिणाम नहीं निकला है। अब प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है, जिसके तहत नोटिस जारी किया गया है। डोडा के डिप्टी कमिश्नर ने 48 घंटे में काम पर वापिस नहीं लौटने पर सभी को बिना नोटिस बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हड़ताल के समय का वेतन भी जारी नहीं करने को कहा है। सांबा, ऊधमपुर, सहित अन्य जिलों में भी कर्मचारियों को 48 घंटे के भीतर ज्वाइन न करने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है।

कर्मियों की हड़ताल को अवैध करार दे चुका है सुप्रीम कोर्ट

आपको बता दें कि आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत कोई भी कर्मचारी ड्यूटी के समय अपनी जगह से गैरहाजिर नहीं रह सकता। अधिनियम के तहत दोषी करार दिया जाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी कर्मियों की हड़ताल को अवैध करार दिया है। कोई भी कर्मचारी अगर अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहता है तो उस पर काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश भी लागू होगा। अनशन पर बैठे कर्मी अस्पताल में भर्ती, कश्मीर में लाठीचार्ज

जम्मू : चार दिनों से आमरण अनशन पर बैठे एसोसिएशन के प्रधान रोहित सेठ और रमन की हालत मंगलवार को बिगड़ गई। उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रोहित सेठ कुछ देर के बाद अस्पताल से वापस प्रदर्शनी स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, अनशन जारी रहेगा। उनके समर्थन में कर्मचारियों ने काफी देर तक नारेबाजी की। उधर, श्रीनगर में भी एनएचएम कर्मियों ने प्रदर्शन किया। कर्मियों ने जब प्रताप पार्क से राजभवन की ओर जाने का प्रयास किया तो वहां पर तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका और उन पर लाठीचार्ज भी किया। कुछ कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। अनशन में पहुंचे अभिभावक, कर गए भावुक

अनशन स्थल पर कुछ कर्मियों के अभिभावक भी पहुंचे। एसोसिएशन प्रधान रोहित सेठ की मां ने अपने भाषण से हड़ताल पर बैठे कर्मियों को भावुक कर दिया। उन्होंने मांगें पूरी न करने पर राज्य प्रशासन को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि वोट मांगने के लिए तो सभी नेता आते हैं लेकिन आज जब बच्चे अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए भूखे बैठे हैं, कोई भी नहीं आ रहा। वहीं एनएचएम कर्मी राजनीतिक ने नाराज हैं। उनका कहना है कि जल्द मांगों पर गौर नहीं किया तो वह चुनाव का बहिष्कार कर देंगे।

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